उत्तराखंड में फिर हुआ बदलाव तो बढ़ेंगी भाजपा की मुश्किलें

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के दिल्ली दौरे को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कुछ लोग इसे चिंतन बैठक के बाद जरूरी निर्णय को लेकर पार्टी हाईकमान से बातचीत के रूप में देख रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि आगामी मुख्यमंत्री के उपचुनाव को लेकर वे अपनी सीट पर पार्टी हाईकमान से बात करने गए हैं लेकिन कुछ जानकार कहते हैं कि प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक बदलाव को लेकर उठापटक होने जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री को सितंबर तक चुनाव लड़ना जरूरी है ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा देश भर के तमाम राज्यों की स्थितियों और खास तौर पर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए चुनाव नहीं करना चाहती और ऐसे में मुख्यमंत्री को बदले जाने की कोशिशें हो सकती हैं।

हालांकि इन स्थितियों पर जानकार कहते हैं कि प्रदेश में भाजपा के लिए दोबारा बदलाव बड़ी परेशानी खड़ा कर सकता है और भाजपा इन तमाम बातों पर भी जरूर विचार करेगी ऐसा नहीं होता है तो आगामी चुनाव में भाजपा के सामने मुश्किलें बढ़ सकती हैं और चुनाव में हार का भी मुंह देखना पड़ सकता है। लिहाजा भारतीय जनता पार्टी इस मामले पर फूंक-फूंक कर कदम रखने की कोशिश करेगी। जबकि कुछ दिनों में ही स्थिति साफ हो पाएगी।

*हिलखंड*

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