उत्तराखंड में अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों महाविद्यालयों और प्रबंधकीय व्यवस्था पर कार्यरत शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि के आदेश कर दिए गए हैं। आपको पता है कि राज्य में संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया है और तीरथ कैबिनेट में शिक्षा मंत्री ने भी संस्कृत में ही शपथ ग्रहण की थी, ऐसे में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अपना इरादा जाहिर किया है। इसी के तहत अशासकीय संस्कृत विद्यालयों महाविद्यालयों में प्रबंधन की व्यवस्था पर कार्यरत प्रबंधकीय शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि संबंधी पहले के आदेशों के क्रम में मंत्रिमंडल के 4 सितंबर 2020 के आदेश के क्रम में मंत्रिमंडल की उपसमिति की संस्तुति पर संस्कृत भाषा के उत्थान और विशिष्ट संस्कृत विद्यालयों की सूची करण के दृष्टिगत राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों महाविद्यालयों में प्रबंधन की व्यवस्था पर नियुक्त कुल 155 प्रबंधन के शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मानदेय में बढ़ोतरी के आदेश दिए गए हैं।
इसमें ऐसे प्रबंध के शिक्षक जो 5 साल से निरंतर अध्यापन कार्य कर रहे हैं को 15000 रुपये शिक्षक प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा
शिक्षक जो 5 साल से अधिक लेकिन 10 साल तक निरंतर अध्यापन कार्य कर रहे हैं को ₹25000 प्रति माह दिया जाएगा
शिक्षक जो 10 साल से अधिक निरंतर अध्यापन कार्य कर रहे हैं को ₹30000 प्रति शिक्षक प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा
अध्यापन कर रहे ऐसे शिक्षक जो यूजीसी के मानकों के अनुसार पीएचडी/ एमफिल धारक है को ₹5000 प्रति माह अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा।
*हिलखंड*
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