उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद पूर्व में प्रशासक के रूप में सहायक विकास अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई थी..इसी तरह क्षेत्र पंचायतों में प्रशासन के रूप में उप जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया था।
लेकिन इसके बाद जिला पंचायतों में प्रशासक के लिए सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक बना दिया गया, जिसके बाद ग्राम पंचायत और क्षेत्र पचायतों के प्रतिनिधियों ने भी प्रशासक के रूप में खुद को प्रशासक बनाए जाने की मांग शुरू कर दी।
इसके बाद अब सरकार ने इस पर जनप्रतिनिधियों की मांग को मानने का फैसला लिया है..और शासन ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है।
शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त लिये गये निर्णय के कम में उक्त अधिसूचना दिनांक 26.11.2024 को अतिकमित करते हुए उत्तराखण्ड राज्य की समस्त गठित ग्राम पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में कार्यकाल की समाप्ति (दिनांक 27.11.2024) से छः मास से अनधिक अवधि के लिए अथवा नई ग्राम पंचायतों के गठन अथवा अग्रिम आदेशों तक, जो भी पहले हो, प्रशासक के रूप में सम्बन्धित जनपद की ग्राम पंचायत के निवर्तमान प्रधान को नियुक्त करने हेतु संबंधित जनपद के जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत किया जाता है।
3- जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत के प्रशासक का कार्यभार तत्काल प्रभाव से ग्रहण किया जायेगा। इस प्रकार नियुक्त किये गये प्रशासकों द्वारा सामान्य रूटीन कार्यों का निर्वहन किया जायेगा तथा नीतिगत निर्णय नहीं लिये जायेंगे। विशेष परिस्थिति में यदि कोई नीतिगत निर्णय लिया जाना आवश्यक हो, तो प्रकरण उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथासंशोधित 2021) की धारा 20 में निहित प्राविधानानुसार यथाप्रकिया ग्राम पंचायत के लिये नियत प्राधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, के माध्यम से जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट को सन्दर्भित किया जायेगा तथा जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट के निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त लिये गये निर्णय के कम में उक्त अधिसूचना दिनांक 26.11.2024 को अतिकमित करते हुए उत्तराखण्ड राज्य की समस्त गठित क्षेत्र पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में कार्यकाल की समाप्ति (दिनांक 27.11.2024) से छः मास से अनधिक अवधि के लिए अथवा नई क्षेत्र पंचायतों के गठन तक अथवा अग्रिम आदेशों तक, जो भी पहले हो, प्रशासक के रूप में सम्बन्धित जनपद की क्षेत्र पंचायत के निवर्तमान प्रमुख को नियुक्त करने हेतु संबंधित जनपद के जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत किया जाता है।
3- जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा संबंधित क्षेत्र पंचायत के प्रशासक का कार्यभार तत्काल प्रभाव से ग्रहण किया जायेगा। इस प्रकार नियुक्त किये गये प्रशासकों द्वारा सामान्य रूटीन कार्यों का निर्वहन किया जायेगा तथा नीतिगत निर्णय नहीं लिये जायेंगे। विशेष परिस्थिति में यदि कोई नीतिगत निर्णय लिया जाना आवश्यक हो, तो प्रकरण उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथासंशोधित 2021) की धारा 65 में निहित प्राविधानानुसार यथाप्रक्रिया क्षेत्र पंचायत के लिये नियत प्राधिकारी जिला मजिस्ट्रेट को सन्दर्भित किया जायेगा तथा जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट के निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी