भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने जा रही है। हाल ही में कर्नाटक चुनाव में मिली शिकस्त और हिमाचल की हार के बाद पार्टी राज्यों में कुछ बड़े बदलाव करने के संकेत दे रही है। विभिन्न राज्यों में बेहतर परफॉर्मेंस के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे इस कड़ी में उत्तराखंड भी इन बदलावों से बच नहीं पाएगा। खबर है कि देवभूमि में भी मंत्रिमंडल बदलाव के साथ संगठन में भी नए प्रयोग किए जा सकते हैं।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई है, ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव 2024 में सभी पांचों सीटों पर पार्टी का दबदबा बरकरार रहे। इससे पहले 2019 और 2014 में भी पार्टी ने उत्तराखंड में सभी पांचों सीटें जीती थी। लिहाजा उस परफॉर्मेंस को दोहराना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है और इसके लिए जरूरी बदलाव भी किए जा सकते हैं।
जानकार बताते हैं कि इन बदलावों में संगठन के साथ सरकार का मंत्रिमंडल भी शामिल रह सकता है। बताया जा रहा है कि धामी सरकार में 4 मंत्रियों के पद खाली है जबकि परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ दूसरे मंत्रियों को भी बदलने की तैयारी हो सकती है। इस तरह धामी सरकार एक नए मंत्रिमंडल के साथ आने वाले दिनों में दिख सकती है। इस दौरान पार्टी परफॉर्मेंस बेस्ड रिव्यू कर सकती है जिसमें कुछ मंत्रियों को अपनी कुर्सियां खोनी पड़ सकती है।
राज्य में बदलाव का दूसरा रूप सांसदों के टिकट में बदलाव के रूप में भी देखा जा सकता है। खबर है कि उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर पार्टी नए चेहरों को उतार सकती है। इसमें सर्वे के आधार पर जिताऊ प्रत्याशियों को मैदान में लाया जा सकता है। लिहाजा भाजपा हाईकमान का मंथन उत्तराखंड में लोकसभा सांसदों की परफॉर्मेंस से भी जुड़ा संभावित है।
राज्य में तीसरा बदलाव संगठन में होने वाले नए प्रयोग के रूप में हो सकता है माना जा रहा है कि संगठन में भी प्रदेश प्रभारी से लेकर संगठन महामंत्री तक और प्रदेश संगठन स्तर पर भी किया जा सकता है। जाहिर है कि इतने बड़े बदलावों के बाद पार्टी अच्छे परिणामों को पाने की उम्मीद कर रही है और यह सब बदलाव पार्टी के भीतर मिलने वाले तमाम सर्वे और रिपोर्ट के आधार पर किए जा सकते हैं।