उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू ने जिलाधिकारियों को राहत देने वाला एक ऐसा फैसला किया है, जिसके बाद अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को जिलाधिकारियो की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक लेने से पहले मुख्य सचिव से इजाजत लेनी होगी। हालांकि यह पहले ही तय किया गया था कि मंगलवार और गुरुवार को ही शाम 4:30 बजे के बाद जिलाधिकारियों की बैठक शासन के यह अफसर ले सकते हैं लेकिन इसके बावजूद आए दिन विभिन्न विभागों से जुड़ी बैठकों में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इनके जुड़ने को लेकर नोटिस भेजे जा रहे थे।
ऐसी स्थिति में जिलाधिकारियो ने ही इस तरह हर दिन वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ने के कारण दूसरे काम बाधित होने की जानकारी दी थी और इसी का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव ने एक और पत्र जारी किया है जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर यदि जिलाधिकारी की बैठक ली जानी है तो इसके लिए मुख्य सचिव से इजाजत लेनी होगी।
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तो जिलाधिकारी के मौजूद रहने की भी आवश्यकता नहीं होती लेकिन इसके बावजूद जिलाधिकारी को इसमें शामिल होने के लिए नोटिस भेज दिए जाते हैं। अब इन स्थितियों से बचने के लिए मुख्य सचिव ने सभी अफसर को दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कह दिया है।