कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हाथीबड़कला स्थित कैंप कार्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 107वी जयंती के अवसर पर उन्हे भावपूर्ण स्मरण करते हुए पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री जोशी ने कहा कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय महान विचारक और चिंतक थे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानव दर्शन जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी।
काबीना मंत्री जोशी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारो का स्मरण करते हुए कहा कि उनका मानना था की भारत को औद्योगीकरण के रास्ते पर चलते हुए अनाज के मामले में भी आत्मनिर्भर बनना चाहिए। हमें आर्थिक कमजोरियों को दूर करते हुए अपनी मजबूती कृषि पर ध्यान देना चाहिए। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के पद चिन्हों और उनकी विचारधाराओं के अनुरूप देश और प्रदेश में किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में केंद्र से लेकर राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है।मंत्री ने कहा। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा के लिये समर्पित रहा है। पं.दीनदयाल जी एक महान चिंतक विचारक और दार्शनिक होने के साथ ही एक योग्य राजनेता और कुशल पथ प्रदर्शक भी थे। उन्होंने कहा दीनदयाल उपाध्याय को भारत में गरीब-दलितों की आवाज भी कहा जाता था। उनका सपना था कि देश की हर जन कल्याणकारी योजना का लक्ष्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। “समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के लिए योजनाएं बननी चाहिए। मंत्री ने कहा केंद्र और राज्य सरकार लगातार उनके दिए गए विचारों पर कार्य कर रही है।