छुट्टी के दिन शिक्षा विभाग ने कर दिए ताबड़तोड़ कई आदेश, शिक्षकों और कर्मचारियों पर कसा शिकंजा

उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने आज छुट्टी के दिन ऐसे कई ताबड़तोड़ आदेश जारी कर दिए जिससे महकमे के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल यह सभी आदेश शिक्षकों पर शिकंजा कसने वाले है. जाहिर है कि इस आदेश के दायरे में आने वाले तमाम शिक्षक इन आदेशों के निकलने से विचलित हो उठे है। सबसे पहला आदेश ऐसे शिक्षकों को लेकर है जो कर्मचारी आचरण नियमावली की सोशल मीडिया पर धज्जियां उड़ाते हैं। शिक्षा विभाग ने एक आदेश में साफ कर दिया है कि जो भी शिक्षक सोशल मीडिया पर विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर नकारात्मक छवि पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। आदेश में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने स्पष्ट कर दिया है कि विभाग में कई शिक्षक सोशल मीडिया पर विभाग की छवि खराब कर रहे और ऐसी स्थितियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा यह भी साफ किया गया है कि जो भी शिक्षक अब सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधि करता हुआ पाया गया उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्यवाही की जाएगी।

शिक्षा विभाग में दूसरा आदेश भी कुछ शिक्षकों को परेशान कर सकता है दरअसल स्थानांतरण नियमावली की धारा 7 के तहत कई शिक्षक और कर्मचारी दुर्गम में नियुक्ति को लेकर विशेष छूट पाते हैं और ऐसे शिक्षकों को एससीईआरटी और डायट का सहारा मिल जाता है वैसे पहले यह भी देखने को मिलता था कि राजनीतिक पैठ रखने वाले कई शिक्षक यहां अपनी तैनाती करवा कर दुर्गम से बच जाते थे लिहाजा अब शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने आदेश करते हुए कहा है कि दुर्गम में नियुक्ति से स्थानांतरण नियमावली की धारा 7 के कारण छूट पाने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को अब 4 साल एक ही जगह पर पूरा होने के बाद दूसरे सुगम स्थल पर स्थानांतरित किया जाएगा। यदि दूसरी जगह पर पद रिक्त नहीं भी है तो भी परस्पर दो कर्मचारियों को आपस में स्थानांतरित किया जा सकता है।

शिक्षा विभाग की तरफ से किया गया तीसरा आदेश विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े करने वाला है। इस आदेश में सीबीएसई के परिणामों के बाद अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में खराब परिणामों का जिक्र किया गया है, जाहिर है कि सीबीएसई बोर्ड में जिस तरह अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में बच्चे फेल हुए हैं उसके बाद इस पूरी व्यवस्था की ही धज्जियां उड़ गई है। साफ है कि शिक्षा विभाग में ऐसे स्कूलों को केवल अपनी वाहवाही के लिए सीबीएसई बोर्ड के तहत संबद्ध कर दिया गया जबकि यहां व्यवस्थाएं शून्य होने का ही परिणाम है कि छात्र भी परीक्षा में अपना परिणाम बेहतर नहीं दे पाए। बहरहाल जब परिणाम आया है तो उसके बाद विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षा महानिदेशक की तरफ से अब आदेश किया गया है कि ऐसे विद्यालय जिनका परिणाम 50% भी नहीं रहा उनसे जवाब तलब किया जाएगा यही नहीं जिन विषयों में सबसे खराब परिणाम रहे हैं ऐसे विषयों के अध्यापकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी इतना ही नहीं जिन छात्रों की कंपार्टमेंट आई है उन्हें पढ़ाने के लिए अब गर्मियों में भी स्कूल खोले जाएंगे और ऐसे विषय के अध्यापक स्कूल में छुट्टियों के दौरान भी पढ़ाते हुए नजर आएंगे जबकि इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारियों को इन आदेशों की मॉनिटरिंग और सुरक्षा करने के लिए भी कहा गया है।

 

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