उत्तराखंड में अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर शिक्षा विभाग में पिछले 3 साल से एक भी शिक्षक व कर्मचारी ऐसा नहीं है, जो अपने काम को ठीक से ना कर रहा हो या फिर जिस पर भ्रष्टाचार समेत स्वास्थ्य समस्याओं के चलते काम को ठीक से न करने का आरोप हो.. जी हां शिक्षा विभाग जिसमें 60000 से ज्यादा शिक्षक और कर्मी तैनात हैं वहां पर पिछले 3 साल से अनिवार्य सेवानिवृत्ति योजना के तहत 50 साल से अधिक उम्र का कोई भी कर्मी अयोग्य नहीं है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में विभिन्न विभागों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति में ऐसे कर्मियों को हटाए जाने पर काम चल रहा है जो अपने कामों को ठीक से नहीं कर रहे हैं या फिर जो 50 साल से अधिक होने के कारण अपने स्वास्थ्य के चलते ऐसा करने में सक्षम हैं या जिन पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप साबित हुए हैं हैरानी की बात यह है कि पिछले 3 साल से एक भी कर्मचारी को इसमें स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से चिन्हित नहीं किया गया है अब तीसरे साल पूरे प्रदेश में 60000 से ज्यादा शिक्षक और कर्मियों की मौजूदगी ने केवल एक कर्मी को ही इसके लिए चिन्हित किया गया है।