सरकार के खिलाफ संविदा कर्मियों का आक्रोश, विद्युत कर्मियों पर जिम्मेदारी पूरी लेकिन वेतन अधूरा

उत्तराखंड में संविदा कर्मियों के खिलाफ सरकार के रुख से कर्मचारी आहत नजर आ रहे हैं, खास तौर पर विद्युत विभाग से जुड़े कर्मियों में तो सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है। यही आक्रोश उत्तराखण्ड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन (इंटक) के पौड़ी के कोटद्वार स्थित सम्मेलन में दिखाई दिया। जहां कर्मचारियों ने एक सुर में सरकार पर कोर्ट का सहारा लेकर कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया यही नहीं बताया गया कि हाईकोर्ट के फैसले को भी सरकार कर्मचारियों के हित में लागू नहीं कर रही है जबकि वकीलों पर मोटा पैसा खर्च कर उनके हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। इस सम्मेलन में संगठन के प्रदेष कार्यकारिणी पदाधिकारियों व प्रदेष के विभिन्न जनपदों से आये हुए सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया। सम्मेलन की अध्यक्षता संगठन के प्रदेष अध्यक्ष व संचालन कैलाष उपाध्याय द्वारा किया गया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में संगठन के संरक्षक, पूर्व कैबिनेट मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट और अति विशिष्ट अतिथि के रूप में इंटक के देहरादून जिले के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार उपस्थित रहे।

हीरा सिंह बिष्ट ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू नहीं कर रही है ताकि संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन न देना पडे जबकि पूरा प्रदेष जानता है कि इन्ही संविदा कर्मचारियों के भरोसे बिजली व्यवस्था चल रही है। बिश्ट ने कहा कि राज्य सरकार को न केवल इन संविदा कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए अपितू इनकी सेवाओं के लिए इनका आभारी रहना चाहिए। सभा को दूरभाश के माध्यम से संगठन के विधि सलाहाकार वरिश्ठ अधिवक्ता एम.सी. पंत ने सम्बोधित किया तथा सदस्यों को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चल रही कार्यवाहियों से अवगत कराया।

सभा को सम्बोधित करते हुए विनोद कवि ने कहा कि संगठन पूरी शक्ति के साथ हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रहा है और संगठन को पूरा विष्वास है कि संविदा कर्मचारियों के साथ न्याय होगा और बहुत जल्द तीनों निगमों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का विभागों में समायोजन होगा। अद्योहस्ताक्षरी द्वारा यह भी कहा गया कि राज्य सरकार जितना पैसा वकीलों पर लूटा रही है बेहतर होता कि वो पैसा कर्मचारियों के प्रोत्साहन पर खर्च किया जाता जिससे कर्मचारी और अधिक मेहनत करके राज्य व निगम हित में अपनी सेवाएं देते। इस दौरान प्रदेष महामंत्री मनोज पंत ने कहा कि निगम प्रबन्धन द्वारा किसी नफा-नुकसान का आंकलन किये बगैर बिजली घरों, लाईनों व मीटर रीडिंग का कार्य निजी हाथों में सौंप रहा है जिससे सीधे तौर पर विभाग को नुकसान हो रहा है। संविदा कर्मचारी दिन रात मेहनत करके अल्प वेतन में विभाग को सेवाएं दे रहा है परन्तु कुछ तथाकथित अधिकारी कर्मचारी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नियमों को ताक पर रखकर बिजली घरों, लाईनों व मीटर रीडिंग का सौदा ठेकेदारों से कर रहें। प्रदेष उपाध्यक्ष लालसिंह गुसाई ने कहा कि कुछ तथाकथित लोगों द्वारा संगठन को तोड़ने व कमजोर करने का कार्य किया जा रहा है जिसे किसी भी सुरत में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा, संगठन ऐसे लोगांे को कई बार सबक सिखा चुकी है। गुसांई ने कहा कि संगठन के तीनों निगमों (उपाकालि/यूजेविएनएल/पिटकुल) में कार्यरत सदस्य हमेषा से एक थे, एक हैं और एक रहेंगे चाहे कोई कितनी भी ताकत क्यों न लगा ले।

 

LEAVE A REPLY