तो भगत सिंह कोश्यारी का उत्तराखंड लौटना राजनीति में खड़े करेगा नए समीकरण

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। हालांकि पहले ही भगत सिंह कोश्यारी अपना इस्तीफा दे चुके थे। ऐसे में अब यह तय हो गया है कि भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड वापस लौटने जा रहे हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर अब रमेश बैस को जिम्मेदारी दी गई है।

काफी लंबे समय से ही भगत सिंह कोश्यारी के बयानों को लेकर महाराष्ट्र में कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही थी तमाम राजनीतिक दल भी उनके बयानों को लेकर विरोध जताते रहे थे ऐसे में भगत सिंह कोश्यारी की राज्यपाल पद से विदाई के कयास काफी लंबे समय से ही लगाए जा रहे थे। हालांकि महाराष्ट्र में भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे को लेकर जितनी गहमागहमी रही उतनी ही उत्तराखंड में भी उनके वापस लौटने को लेकर चर्चाएं बनी रही। सभी जानते हैं कि भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु है और उनके इस पद तक पहुंचने के पीछे कोशियारी की अहम भूमिका रही है लिहाजा अब जब भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड वापस लौट रहे हैं तो राजनीतिक गलियारों में कई तरह के अंदाजे लगाए जा रहे हैं। एक तरफ लोग कह रहे हैं कि राजनीतिक गुरु के उत्तराखंड आने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मजबूती मिलेगी लेकिन कुछ लोग इसके ठीक उलट मानते हैं उनका कहना है कि भगत सिंह कोश्यारी राजनीतिक रूप से बेहद सक्रिय रहते हैं भले ही उनकी उम्र अब उन्हें ज्यादा सक्रियता की इजाजत ना देती हो लेकिन इसके बावजूद कोश्यारी के बयान उनकी राजनीतिक रणनीति हमेशा सत्ता को प्रभावित करती रही है लिहाजा जब वह उत्तराखंड वापस लौटेंगे तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फैसलों और सत्ता की तमाम रणनीतियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। हालांकि यह आने वाला वक्त बताएगा कि कोशियारी का उत्तराखंड वापस लौटना भाजपा सरकार पर किस तरह का असर डालता है।

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