शिक्षकों के अटैचमेंट किए गए निरस्त, शिक्षा मंत्री ने खुद जारी किए निर्देश

उत्तराखंड में शिक्षा विभाग शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर उद्योग के रूप में जाना जाता रहा है, राज्य में शिक्षकों के तबादलों के नाम पर खूब वसूली के भी आरोप लगते रहे हैं। शायद यही कारण था कि राज्य सरकार की तरफ से स्थानांतरण नीति लाकर प्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण पर उगाई करने वालों पर अंकुश लगाया गया। लेकिन कहते हैं ना कि नियम बनने से पहले उसके टूटने का रास्ता निकाल लिया जाता है बस शिक्षा विभाग में यह रास्ता भी निकल आया और अटैचमेंट के रास्ते शिक्षक फिर पहाड़ चढ़ने से बचने लगे। हालांकि इस मामले पर कई बार आवाज उठती रही है शिक्षक संगठन की तरफ से भी यह बातें उठाई जाती रही हैं लेकिन उसके बावजूद कुछ चुनिंदा शिक्षकों के अटैचमेंट होते भी रहे हैं। फिलहाल खबर यह है कि शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद 3 शिक्षकों के अटैचमेंट को निरस्त कर दिया गया है। इसमें पहला नाम आशा का है जो कि अंग्रेजी की सहायक अध्यापिका है और इनकी मूल तैनाती चमोली में है लेकिन अटैचमेंट के बाद ही नहीं अल्मोड़ा भेजा गया था। दूसरा नाम दीपशिखा है जिनकी मूल तैनाती बागेश्वर थी लेकिन इन्हें उधम सिंह नगर अटैचमेंट पर भेजा गया। तीसरा अटैचमेंट नीति का का किया गया जिसको देहरादून शहर के स्कूल में अटैच किया गया था। बताया जा रहा है कि मीनाक्षी सुंदरम ने शिक्षा सचिव रहते हुए इनका अटैचमेंट किया था और आप उनके हटने के बाद शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद तीनों अटैचमेंट खत्म कर दिए गए हैं।

*हिलखंड*

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