उत्तराखंड में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए बागियों को अब पार्टी में करीब 5 साल का वक्त होने जा रहा है लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन बागियों को पचा नहीं पा रहे हैं शायद यही कारण है कि गाहे-बगाहे बागियों के खिलाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की तरफ से आवाजें बुलंद होती रही है इसी कड़ी में इन दिनों रायपुर विधानसभा के विधायक उमेश शर्मा काऊ के खिलाफ भी भाजपा के कार्यकर्ता लामबंद दिखाई दे रहे हैं स्थिति यह है कि विधायक उमेश शर्मा काऊ के खिलाफ तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय में ही धरना देकर मोर्चा खोल दिया है चुनाव नजदीक है इसके बावजूद पार्टी कार्यकर्ताओं का इस कदर विरोध भाजपा के बड़े नेताओं को भी समझ में नहीं आ रहा है उधर रायपुर के भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ भी इन गतिविधियों से परेशान है और पिछले दिनों तो वह सार्वजनिक रूप से भड़कते हुए भी दिखाई दिए थे।
मामला केवल रायपुर विधानसभा का नहीं है लैंसडाउन विधानसभा के विधायक दिलीप रावत ने भी अपनी ही पार्टी के नेता और सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। मंत्री के विभागों में भ्रष्टाचार से लेकर कई गंभीर आरोप भी विधायक ने लगा दिए हैं यही नहीं अब विधानसभा के सामने धरना देने तक की चेतावनी भी दे दी है। जाहिर है कि इन गतिविधियों से भाजपा के शीर्ष नेता परेशान दिख रहे हैं हालांकि विधायक का यह विरोध भविष्य में उनके टिकट कटने की संभावना के रूप में देखा जा रहा है लेकिन जो भी हो चुनाव से पहले पार्टी के भीतर इस तरह की गतिविधियां पार्टी को डैमेज कर रही है।
इन बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अब तक कांग्रेस से आए बागी नेताओं को अपनाया नहीं है और आने वाले चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में आए इन बागियों को चुनाव के दौरान इसका नुकसान भी हो सकता है एक तरफ कांग्रेस के कार्यकर्ता पार्टी छोड़ने के कारण पहले ही उनसे छिटक गए हैं दूसरी तरफ अब भाजपा संगठन से जुड़े कार्यकर्ता भी यदि उनके लिए काम नहीं करते हैं तो यह एक बड़ी परेशानी हो सकता है।