उत्तराखंड के बाकी विभागों की तरह वन विभाग में भी इन दिनों रेंजर, डिप्टी रेंजर समेत कर्मचारियों के तबादले जोर शोर हो रहे हैं, तमाम वन प्रभागों से स्थानांतरित कर्मचारियों अधिकारियों की सूची पिछले कई दिनों से लगातार जारी हो रही है। एक तरफ हल्द्वानी से वन संरक्षक स्तर से तबादला सूची जारी की जा रही है तो वहीं गढ़वाल में भी मुख्य वन संरक्षक तबादला सूची को जारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में सुशांत पटनायक की तरफ से आज भी उपवन क्षेत्रधिकारियों की सूची जारी की गई। हालांकि अब भी ऐसे रेंजर और डिप्टी रेंजर है जो लंबे समय से एक ही जगह पर डटे हुए हैं लेकिन उन पर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है। इसे बड़े अधिकारियों की तरफ से दिया गया अभय दान ही कहेंगे कि विभाग में ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के पांव उखड़ने का नाम नहीं ले रहे। बहरहाल वन मंत्रालय मिलने के बाद सुबोध उनियाल ने भी कहा था कि वह अभी कर्मचारियों अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर होमवर्क कर रहे हैं और इसके बाद सेटिंग सेटिंग का खेल खत्म करेंगे। देखना यह भी है कि विभागीय मंत्री ने अपना यह होमवर्क इतना पूरा किया और जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने सालों साल से पहाड़ नहीं देखा ऐसे सरकारी मुलाजिमों को कब पहाड़ों की सैर करवाई जाएगी। क्योंकि अधिकारियों से तो यह उम्मीद करना बेकार है कि वह निष्पक्ष तरह से अधिकारी कर्मचारियों के रोटेशन वाइज तबादले करेंगे। क्योंकि ये वो विभाग है जहां तबादला होने के बाद फिर उन्हे निरस्त भी करवा दिया जाता हैं, और इसके कई उदाहरण मौजूद है।
जिन उप वन क्षेत्राधिकारीयों के तबादले हुए उनके नाम यह हैं।
हरीश गैरोला को चकराता वन प्रभाग से टिहरी डैम वन प्रभाग
महेंद्र सिंह चौहान चकराता वन प्रभाग से भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडाउन
राकेश चंद्र सिविल एवं सोयम वन प्रभाग से नरेंद्रनगर वन प्रभाग
Naval Kishor Negi अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग से टिहरी डैम वन प्रभाग द्वितीय
भरत सिंह को बद्रीनाथ वन प्रभाग से कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग
कैलाश चंद्र अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग से भूमि संरक्षण वन प्रभाग उत्तरकाशी