फारेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा नही होगी निरस्त, आयोग ने लिए कई जरूरी फैसले

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के बाद अब इस परीक्षा को निरस्त किए जाने पर अंतिम निर्णय ले लिया.. आयोग ने फैसला किया है कि इस भर्ती परीक्षा को निरस्त करने का कोई औचित्य नहीं है. यानी आयोग पूर्व में हुई भर्ती परीक्षा को निरस्त करने के पक्ष में नहीं है। गौरतलब है कि आयोग ने हाल ही में एसआईटी की जांच रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया था। इसके बाद आयोग ने परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों से परीक्षा को निरस्त करने से जुड़ी उनकी राय भी मांगी थी। इसके लिए आयोग ने अभ्यर्थियों को 18 अक्टूबर तक 3 दिन का समय दिया था। आयोग को इस समय में 2256 अभ्यर्थियों ने ईमेल के जरिए अपना फीडबैक दिया है। फीडबैक मिलने के बाद भी आयोग ने सभी अभ्यर्थियों की राय पर विचार किया है साथ ही इसके कानूनी पक्ष और पूर्व में विभिन्न कोर्ट द्वारा लिए गए निर्णय का भी अध्ययन कर फैसला किया है।

फैसले भी आयोग ने साफ किया है कि जो स्थितियां बन रही है उसके हिसाब से परीक्षा को पूरी तरह से निरस्त किया जाना औचित्य हीन है। यानी आयोग नहीं चाहता कि यह परीक्षा रद्द हो।

आयोग ने निर्णय लिया है कि एसआईटी की एक महीने बाद जो भी अपडेट रिपोर्ट होगी उसके आधार पर भी फैसला किया जाएगा

मामले में 57 लोगों को परीक्षा के दौरान नकल करने का दोषी पाया गया है जिनमें से 31 अभ्यर्थियों को चिन्हित कर लिया गया है जबकि बाकी 26 अभ्यर्थी अभी जन्नत नहीं हो पाए हैं।

आयोग ने निर्णय लिया है कि जिन विद्यालयों में नकल हुई है उन विद्यालयों को आयोग अपनी परीक्षाओं के लिए ब्लैक लिस्ट करेगा। साथ ही सरकार से अनुरोध करेगा कि यदि इन विद्यालयों को कोई अधिकारी या मदद की जा रही है तो छवि धूमिल करने के चलते इन्हें ऐसी कोई मदद ना की जाए

जो कक्ष निरीक्षक नकल करवाने के दोषी पाए गए हैं ऐसे निरीक्षक को आजीवन ऐसी ड्यूटी के लिए प्रतिबंधित करने का भी निर्णय लिया गया। साथ ही संबंधित विभाग से इनके खिलाफ कठोर विभागीय कार्यवाही करने का भी अनुरोध किया।

जिस परीक्षा कक्ष के निरीक्षक ने प्रश्न पत्र की फोटो खींची ऐसे निरीक्षक को 5 साल के लिए किसी भी परीक्षा के लिए प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया।

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