उत्तराखंड में ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक और निदेशक को लेकर लंबे समय से कसरत चल रही है, लेकिन न जाने ऐसी क्या बात है कि प्रबंध निदेशक के पद को लेकर अंतिम फैसला लेने से सरकार बचती रही है। इसकी एक वजह आईएएस लॉबी का सरकार पर हावी होना भी माना जा सकता है दरअसल ऊर्जा निगम में प्रबंध निदेशक पद पर आईएएस प्रभारी के तौर पर तैनात किए जा रहे हैं। फिलहाल यूपीसीएल और पिटकुल में दीपक रावत प्रबंध निदेशक के तौर पर नियुक्त किए गए हैं जबकि इससे पहले आईएएस नीरज खैरवाल प्रबंध निदेशक थे… जाहिर है कि स्थाई नियुक्ति नियमों के अनुसार किसी इंजीनियर को ही दी जा सकती है लेकिन आईएएस को तैनाती देने के चक्कर में लंबे समय से स्थाई नियुक्ति नहीं दी जा रही है ऐसा माना जा रहा है।
हालांकि इस बार प्रबंध निदेशक के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी की गई है लेकिन 1 हफ्ते से ज्यादा का समय होने के बावजूद भी ना तो प्रबंध निदेशक के लिए कोई तैनाती हुई है और ना ही निदेशक पद पर कोई परिणाम दिखाई दिया है। इस मामले में हरक सिंह रावत आने वाले 1 हफ्ते में प्रबंध निदेशक और निदेशक के पद पर स्थाई तैनाती का दावा कर रहे हैं। हरक सिंह रावत की बातों में यकीन करें तो प्रदेश में ऊर्जा विभाग को स्थाई अधिकारी जल्द ही मिलने जा रहे हैं।
वैसे प्रबंध निदेशक के तौर पर कई नाम चर्चाओं में है लेकिन बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के किसी अधिकारी को भी प्रबंध निदेशक के तौर पर लाने की तैयारी की जा रही है वैसे यह मात्र चर्चाएं हैं और इन चर्चाओं का ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने खंडन भी कर दिया है, रावत ने कहा है कि उनके पास अभी पत्रावलियां नहीं आई है लिहाजा यह कहना मुश्किल है कि प्रबंध निदेशक के तौर पर कौन से चेहरे को अंतिम रूप से चयनित किया जाएगा।
ऊर्जा निगम के कई निदेशक भी प्रबंध निदेशक बनने के लिए जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं, उधर निगम के कर्मचारी भी चाहते हैं कि किसी आईएएस की जगह किसी इंजीनियर को जगह मिले ताकि वे आसानी से अपनी बातों को प्रबंध निदेशक तक पहुंचा सके।
*हिलखंड*
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