उत्तराखंड में चुनाव से पहले विवादित अधिकारियों को विभागों में एक के बाद एक बहाली मिलने से हरक सिंह रावत के विभाग सवालों के घेरे में आ गए हैं। पहले ऊर्जा विभाग में 3 भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के निलंबन को वापस लिया गया और अब प्रदेश में विवादित अधिकारी मृत्युंजय मिश्रा को आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार बनाने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि ऊर्जा निगम में तो हरक सिंह रावत ने अनिल कुमार यादव द्वारा यह फैसला होने की बात कहकर 3 अधिकारियों के निलंबन वापस लेने की बात से पल्ला झाड़ लिया था और इसके लिए प्रबंध निदेशक से जवाब लेने की भी बात कही थी, जबकि प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव ने इसमें नियमों का हवाला देते हुए अपने निगम की ही जांच टीम की कमी को मजबूरी करार दे दिया था, लेकिन इस बार मामला हरक सिंह रावत के ही दूसरे विभाग आयुर्वेद विभाग का है, जहां प्रदेश में मृत्युंजय मिश्रा जो प्रदेश में बेहद विवादित अधिकारी हैं और तमाम मामलों के बाद जेल तक की हवा उन्हें खाली पड़ी है जबकि उनकी जांच अब भी विशेष पुलिस टीम द्वारा की जा रही है इसके बावजूद भी चुनाव से पहले ही मृत्युंजय मिश्रा को आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार नियुक्त करने के आदेश कर दिए गए हैं। खबर यह भी है कि इस मामले को लेकर अब मुख्यमंत्री कार्यालय चौकन्ना हो गया है और खबर है कि इस आदेश के खिलाफ भी मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई एक्शन लिया जा सकता है लेकिन चर्चाएं यह है कि आखिरकार हरक सिंह रावत के विभागों में इस तरह विवादित अधिकारियों की एक के बाद एक एंट्री क्यों की जा रही है वह भी तब जब प्रदेश में चुनाव है और चुनाव में भाजपा सरकार के लिए ऐसे फैसले मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।