साल 2013 के बाद बाबा केदार बने राजनीति का अखाड़ा, जानिए केदारनाथ को लेकर विवाद

केदारनाथ धाम में आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जो बाबा केदार पर विवाद को बढ़ा देते हैं। वैसे साल 2013 से पहले बाबा केदारनाथ पर कभी कोई विवाद सुनने को नहीं मिलता था, लेकिन आपदा आने और केदारनाथ के पुनर्निर्माण का कार्य होने के साथ बाबा केदार भी राजनीति का अखाड़ा बन गए। ताजा मामला केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में एक महिला द्वारा नोट उड़ाने से जुड़ा है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है बताया जा रहा है कि यह महिला पुजारियों के सामने ही नोट उड़ा रही थी। बड़ी बात यह है कि इस दौरान किसी ने भी इस को रोकने की कोशिश नहीं की। इस विवाद के सामने आने के बाद जहां पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर दिया है तो वही ऐसे पुराने कई विवाद है जो केदारनाथ धाम की मान्यताओं और हिंदू धर्म के मानने वालों को परेशान करते रहे हैं। इससे पहले केदारनाथ धाम में लगे सोने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था जिसमें एक पुजारी ने खुद मंदिर में सोने की जगह पीतल लगाए जाने का दावा किया था और सवा अरब के घोटाले की बात कही थी। देश और दुनिया में सोशल मीडिया के जरिए यह वीडियो को वायरल हुआ और केदारनाथ धाम पर इसमें विवाद खड़ा कर दिया। इससे पहले केदारनाथ धाम में पेटीएम स्केनर लगाए जाने पर भी खूब विवाद हुआ और इससे भी केदारनाथ धाम की छवि खराब हुई। इतना ही नहीं केदारनाथ धाम के पुजारियों के बीच आपसी मतभेद भी बेहद चर्चाओं में रहा।

केदारनाथ में विवादों का सिलसिला यहीं नहीं ठहरता, एक भक्त के द्वारा कई किलो सोना केदारनाथ धाम को चढ़ाए जाने पर भी खूब विवाद हुआ और विवाद तब बढ़ गया जब इस सोने को केदारनाथ के गर्भ गृह में लगाने का फैसला हो गया। हिंदू धर्म के कुछ मानने वालों का कहना था कि भगवान भोलेनाथ भस्म(राख) पसंद करने वाले हैं ऐसे भगवान को सोना (GOLD) चढ़ाना कहां तक सही है। केदारनाथ धाम में वीवीआईपी लोगों को विशेष सुविधाएं देने पर भी खूब विवाद हुआ यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम में होने वाले दोनों को लेकर कांग्रेस ने खूब सवाल उठाएं।

केदारनाथ धाम पर अब जिस तरह से लोग पहुंच रहे हैं वो अच्छी बात है लेकिन उसमें सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स भी यहां आकर कई बार विवादों को बढ़ा देते हैं। एक तरह से देखा जाए तो अब केदारनाथ धाम तीर्थ यात्रा के रूप में कम पर्यटन के रूप में ज्यादा विकसित और आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है और इससे भी यहां विवाद बढ़ रहा है।

 

2013 की आपदा के बाद नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2014 का आगाज केदारनाथ धाम से किया और इसके साथ ही जहां केदारनाथ धाम में पर्यटकों की संख्या एकाएक बढ़ने लगी तो वहीं इस को लेकर राजनीति भी तेज हो गई। केदारनाथ धाम में राहुल गांधी से लेकर तमाम नेता पहुंचने लगे और केदारनाथ धाम आस्था का केंद्र होने के बावजूद राजनीति का अखाड़ा बन गया। अब स्थिति यह है कि हर दिन केदारनाथ धाम को लेकर नए विवाद खड़े हो रहे हैं और इससे केदारनाथ धाम पर आस्था रखने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।

 

LEAVE A REPLY