38 वे राष्ट्रीय खेलों की ऊर्जा और उमंग से देवभूमि को प्रकाशित करने के लिए खेल मशाल “तेजस्विनी” गुरुवार को हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम से 3823 किलोमीटर की यात्रा पर रवाना हुई। तेजस्विनी(मशाल) और प्रचार रथ को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने झंडी दिखाकर रवाना किया। गौलापार के बैडमिंटन काम्प्लेक्स में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खिलाड़ियों से इन खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के लिए सौभाग्य की बात है कि 38वे खेल की मेजबानी राज्य को मिले है। हम सबका प्रयास रहेगा कि राष्ट्रीय खेल को भव्य और बेहतर तरीके से आयोजित कर देश भर में एक नई मिशाल पेश की जाए। साथ ही संकल्प से शिखर तक की यह यात्रा आम जन के सहयोग से राज्य को शिखर तक ले जाएगी। उन्होंने कहा 13 जिलों के 99 स्थानों पर राष्ट्रीय खेल की यह मशाल घूमेगी और आम जन को यात्रा से जोड़कर जागरूक करेगी। नैनीताल में मशाल रैली 26 और 27 दिसम्बर को है। जो हल्द्वानी, भीमताल, धारी, ओखलकांडा, बेतालघाट, भवाली, नैनीताल, कालाढूंगी और रामनगर में घूमेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, देवभूमि उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा खिलाड़ियों को कोच मुहैया करवाना हो, खेल का माहौल प्रदान करना हो, या फिर उन्हें आर्थिक सहायता देनी हो, हमारी सरकार प्रत्येक स्तर पर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के अंतर्गत 8 से 14 वर्ष के हमारे खिलाड़ियों को 1500 रूपये की छात्रवृत्ति प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से 14 से 23 वर्ष के खिलाड़ियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ ही 10 हजार रूपए प्रति खिलाड़ी खेल उपकरण खरीदने हेतु भी दिए जा रहे हैं। इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 17 हजार से अधिक खिलाड़ियों को कुल 33 करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नई खेल नीति लागू कर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जा रही है। प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा, आवास, भोजन व किट आदि भी प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण को पुनः लागू करने एवं प्रदेश के खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि को दोगुना करने जैसे अनेकों निर्णयों के माध्यम से प्रदेश के खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। कॉन्ट्रैक्ट प्रशिक्षकों के मानदेय में भी 78 प्रतिशत से 140 प्रतिशत तक की वृद्धि की गयी है साथ ही हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री खेल विकास निधि का गठन कर उसमें 16 करोड. रूपये़ से अधिक की धनराशि का प्रावधान भी किया है।