उत्तराखंड कांग्रेस में चुनावी तैयारी पर मंथन से पहले नेताओं की आपसी रुसवाई को भांपता पार्टी हाईकमान के लिए बड़ी चुनौती है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चेहरा बनने की चाह में पिछले 1 हफ्ते से दिल्ली में डटे हुए हैं। इंदिरा हृदयेश उनके बढ़ते हुए कदम को रोकने के लिए दिल्ली में मौजूद हैं, वही हैवीवेट हरीश रावत के मंसूबों को कमजोर करने के लिए अब प्रीतम सिंह भी दिल्ली जा रहे हैं। लिखी गई यह बातें तो सामान्य चर्चा का हिस्सा है। लेकिन दिल्ली में आखिरकार ऐसा क्या हो रहा है कि प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गजों को हाईकमान की तरफ से यूं तलब किया गया है.. इसका जवाब हमने खोजने की कोशिश की।
दरअसल दिल्ली में पार्टी हाईकमान ने सभी नेताओं को जिस तरह बुलाकर बातचीत शुरू की है उससे कई तरह की संभावनाएं बढ़ गई हैं। पहली संभावना उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदले जाने से जुड़ी है। राज्य में नेता प्रतिपक्ष को बदला जाना थोड़ा मुश्किल दिख रहा है लिहाजा प्रदेश अध्यक्ष पद पर ही फैसला होने पर चर्चा हो सकती है। हालांकि प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश ऐसा ना हो इसकी पूरी कोशिश करेंगे। मौजूदा स्थिति में चुनाव से ठीक पहले बदलाव कर किसी एक गुट को नाराज करना भी पार्टी हाईकमान नहीं चाहेगा.. लिहाजा दूसरी संभावना यह है कि राज्य में कैंपेन कमेटी के चेयरमैन के तौर पर हरीश रावत को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। खबर है कि पंजाब में चल रही लड़ाई पर हरीश रावत की भूमिका को देखते हुए पार्टी उन्हें पंजाब के प्रभार से हटाना नहीं चाहती लेकिन हरीश रावत पंजाब में रहकर भी दिमाग उत्तराखंड के लिए ही चला रहे हैं। लिहाजा पंजाब का प्रभार हटाकर उन्हें उत्तराखंड में कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया जा सकता है। ऐसा हुआ तो दिक्कतें विरोधी खेमे के लिए बढ़ जाएंगी क्योंकि कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष चुनाव में चेहरे के रूप में सामने रहेगा। बहरहाल दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है वह उत्तराखंड में कुछ नए बदलाव या कुछ दूसरे लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने से जुड़े मामलों पर चर्चा से जुड़ा है। इसलिए आने वाले दिनों में प्रदेश कॉन्ग्रेस में कुछ नए फैसले होना संभव है।
*हिलखंड*
*पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के सुझाव को सरकार की ना, दो डोज वैक्सीन लगाने वालों को कर्फ्यू में राहत की थी मांग -*