नेपाल से बिगड़ते रिश्तों के बीच नेपाली छात्रों को लेकर हो रहे खुलासे

भारत के नेपाल से बिगड़ते रिश्तो के बीच उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक घटना के बाद हो रही जांच में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो बेहद चौंकाने वाले हैं और गंभीर भी है। दरअसल देहरादून में शाक्य बौद्ध मठ में पिछले दिनों कुछ छात्रों की पिटाई किए जाने के बाद उनके मठ से भागने का मामला सामने आया था.. इसमें जांच चल ही रही थी कि यहां के एक शिक्षक ने खुद को फांसी लगा कर इस मठ को और भी ज्यादा विवादों में ला दिया। बताया जा रहा है कि बच्चों को पिछले 4 सालों से घर नहीं भेजा गया है ऐसे में जब बच्चों ने छुट्टी मांगी तो उनके साथ मारपीट की गई और इसीलिए मठ से 7 बच्चे फरार हो गए। हालांकि बच्चों को रेस्क्यू तो किया गया लेकिन करीब 25 साल के शिक्षक ने सुसाइड नोट और ऑडियो रिकॉर्ड के जरिए मठ की बदनामी होने की बात कहकर खुदकुशी कर ली।

मामला इसलिए भी ज्यादा गंभीर है क्योंकि बाल आयोग इस मामले में कुछ नए तथ्य सामने रख रहा है। आयोग के जिलाधिकारी को लिखी चिट्ठी के अनुसार शाक्य बौद्ध मठ में लाए गए नेपाल के बच्चों का भारत का आधार कार्ड बनाया गया है.. यही रही इन बच्चों के नेपाली नामों के अलावा मठ में दूसरे नाम भी रखे गए हैं। खास बात यह है कि इसकी जानकारी ना तो भारतीय दूतावास को दी गई और ना ही नेपाल के दूतावास को। इसके अलावा भी छात्रों के उत्पीड़न से जुड़े कई तथ्य बाल आयोग ने सामने रखे हैं।

आयोग ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इन सभी बिंदुओं पर 15 दिन के भीतर एक जांच कमेटी गठित कर जांच करने के लिए भी कहा है।

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