ऊर्जा निगमों में हड़ताल का ऐलान कर चुके कर्मचारियों ने अपना रुख साफ कर दिया है, हड़ताल पर अडिग ऊर्जा कर्मचारी अब बातचीत का रास्ता अपनाने के बजाय अपनी सालों से लटकी पड़ी मांगों को पूरा कराने की शर्त पर ही मानने को तैयार है। लेकिन प्रस्तावित हड़ताल से 24 घंटे पहले ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ऐसा बयान दिया है जिसे सुनकर कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ना तय है। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कर्मचारियों को दो टूक चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि कर्मचारी बातचीत के रास्ते पर ही रहे यदि कर्मचारी सोचते हैं कि वह सरकार पर दबाव बनाकर अपनी मांगे पूरी करवाएंगे तो वह इसके खिलाफ है। हरक सिंह रावत ने कर्मचारियों को नेतागिरी नहीं करने और बातचीत करने के लिए भी आगाह किया।
इससे पहले कर्मचारियों ने आम लोगों को संबोधित एक पत्र जारी कर दिया जिसमें उन्होंने लोगों को मोबाइल रिचार्ज करने घर में मोमबत्ती रखने और टोर्च की व्यवस्था करने तक की बात कह दी साफ है कि कर्मचारी सरकार और शासन को हड़ताल को लेकर सीधा संदेश देना चाहते हैं उधर हरक सिंह रावत ने जिस तरह का बयान दिया है उससे लगता है कि हड़ताल से पहले सरकार और कर्मचारियों के बीच में घमासान होने जा रहा है। बहरहाल सोमवार को सचिव ऊर्जा सौजन्य और कर्मचारियों के बीच होने वाली बातचीत में क्या होता है यह देखना काफी दिलचस्प होगा।
*हिलखंड*
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