यमकेश्वर ब्लॉक के गांव ढुंगा का किसान आत्महत्या करने को मजबूर-जानिए पूरा मामला

यमकेश्वर ब्लॉक के गांव ढुंगा के किसान आत्महत्या करने को मजबूर है..दरअसल गांव में इनकी एक साल में बाघ ने आठ बकरियां मार दी। यूकेडी नेता शांति प्रसाद भट्ट के मुताबिक कल ब्लॉक में वे इस किसान से मिले, तो बकरी पालक किसान अपनी व्यथा सुनाने लगा। किसान ने कहा कि एक लाख का लोन लिया था.. सोचा था इन बकरियों के सहारे परिवार का पालन पोषण कर पाऊंगा..लेकिन ,सारी बकरियां तो बाघ खा गया…ऐसे में अब लोन कहाँ से चुकाऊंगा …आखिर कहा से…व्यक्ति बोला ग्राम प्रहरी हूँ , हजार बारह सौ की नौकरी, इतना बड़ा परिवार… खेती बाड़ी …बकरियां चरा कर जीवन यापन कर रहा हूं…बाघ के डर से खेती बाड़ी- गाय बकरी बचाना मुश्किल हो गया है….वन विभाग कुछ करता नही…कहाँ जाए मरने को मजबूर हो गया हूँ….कुछ सुझ नहीं रहा… लाचार हो गया हूँ…ये सुनकर आम आदमी की तरह शांति प्रसाद भट्ट भी अंदर तक हिल गए। सोचने लगे …इतनी लाचारी अपने ही गांव में, सिस्टम के आगे पहाड़ी लाचार हो गया है ।सत्ता मस्त है क्योंकि वोट तो ये चुनाव में लूट ही लेंगे , इसलिए काम क्यों करना। वाकई पहाड़ों की मुश्किल जिंदगी में ऐसे कई परेशानियां हैं जो लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर रही है ऐसे में रिवर्स पलायन का सपना सरकार कैसे पूरा कर पाएगी। जरूरत ऐसे हालातों से ग्रामीणों को निकालने की है ताकि पलायन पर वाकई कुछ रोक लग सके।

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