उपनल कर्मियों के आंदोलन को 1 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है लेकिन अब तक इनकी मांगों को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है, हालांकि उपनल कर्मियों की मांगों को लेकर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में कमेटी को स्थितियों का अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी गई है। ताकि इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार उपनल कर्मियों को लेकर आगे का फैसला कर सके। जानकार बता रहे हैं कि सरकार पर्सनल कर्मियों की मांगों पर कुछ बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है जिसमें उनके वेतन में बढ़ोतरी और हो रही कटौती में कमी करने की भी कोशिश हो सकती है। बहरहाल इस मामले को लेकर सरकार में शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी उपनलकर्मियों को आश्वस्त करते हुए, साफ किया है कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर बेहद गंभीरता से विचार करने के लिए कहा गया है, साथ ही सरकार इस मामले को लेकर खुद भी संवेदनशील है। लिहाजा इंतजार केवल मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट का है… ताकि उसके आधार पर सरकार कर्मचारियों की मांगों पर फैसला कर सके।
*हिलखंड*
*मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इन्हें बनाया अपना ओएसडी -*