भूमि संबंधी दस्तावेजों की जालसाजी पर जांच कमेटी गठित, जिलाधिकारी सोनिका की गंभीरता के कारण खुला था मामला

जिलाधिकारी सोनिका ने भूमि संबंधी दस्तावेजों में जालसाजी की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिस तरह कार्रवाई की उस पर अब सरकार ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन कर दिया है। यह बात तय है कि दस्तावेजों में फर्जीबाड़े का यह मामला बेहद गंभीर है और यदि देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका इस पर सूझबूझ के साथ एक्शन ना लेती तो शायद ही कभी ये मामला सामने आ पाता। यही नहीं आजादी के पहले से सहारनपुर में ही धूल फांक रहे दस्तावेज भी कभी देहरादून नहीं आ पाते।

अब देखिए जांच कमिटी को लेकर क्या हुए आदेश…….

विगत दिनों राज्य के जनपद देहरादून में भूमि सम्बन्धी विक्रय विलेखों में की गयी जालसाजी के प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुये सक्षम स्तर पर लिये गये निर्णयोंपरान्त जनपद देहरादून के प्रश्नगत अभिलेखागार / कार्यालय के सम्पूर्ण अभिलेखों की समयबद्ध एवं गहन जाँच किये जाने तथा पंजीकृत मुकदमें में त्वरित विवेचना की मॉनिटरिंग हेतु स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अधीन 03 सदस्यीय उच्च स्तरीय विशेष जाँच दल (एस०आई०टी०) का निम्नानुसार गठन किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते है:-

 

1. श्री सुरेन्द्र सिंह रावत (से०नि० आई०ए०एस० )अध्यक्ष 12. सुश्री पी0 रेणुका देवी (डी०आई०जी० / लॉ एण्ड आर्डर, पुलिस मुख्यालय, दे०दून) सदस्य 3. श्री अतुल कुमार शर्मा (सहा०म०नि० / मुख्यालय, स्टाम्प एवं निबन्धन, दे०दून) सदस्य

 

(समिति इस विषय में विशेष सदस्यों को आवश्यकतानुसार आमंत्रित कर सकती है)

 

उक्त विशेष जाँच समिति का कार्यक्षेत्र निम्नवत् होगा:-

 

1. प्रश्नगत अभिलेखागार / कार्यालय के सम्पूर्ण अभिलेखों की समयबद्ध एवं गहन जॉच । 2. उक्त फर्जीवाड़े में दोषी कर्मचारियों को चिन्हित करके उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करने के सम्बन्ध में संस्तुति ।

 

3. भविष्य में इस प्रकार के प्रकरणों की पुनरावृति न हों, इस सम्बन्ध में सुझाव । 4. वर्तमान में प्रकरण के संबंध में की जा रही पुलिस विवेचना तथा भविष्य में क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन प्रारम्भ होने की स्थिति में अनुश्रवण ।

 

3- उपरोक्त विशेष जाँच दल का कार्यालय स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मुख्यालय देहरादून में होगा। उक्त दल का कार्यकाल 04 माह होगा जिसे शासन द्वारा समय-समय पर आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है।