चमोली जिले में करंट लगने से 16 लोगों की मौत के मामले में अब मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में एक तरफ इस पूरी घटना के कारणों को स्पष्ट किया गया है, तो वही घटना के कारणों के साथ जिम्मेदार लोगों की भी जिम्मेदारी को भी स्पष्ट किया गया है।
इस रिपोर्ट को एडीएम डॉ अभिषेक त्रिपाठी द्वारा तैयार किया गया है. दरअसल इस घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान में विद्युत सुरक्षा के मानकों को अधूरा पाया गया। एमसीबी की जगह चेंज ओवर का प्रयोग हो रहा था। प्लांट में अर्थिंग की भी उचित व्यवस्था नहीं की गई थी।
जांच आख्या में प्लांट में काम करने वाली दो निजी कंपनियों के साथ जो अनुबंध हुआ था उस अनुबंध का पालन ही नहीं किया गया था। कर्मचारियों की उपलब्धता अनुबंध के अनुसार नहीं की गई थी। ज्वाइंट वेंचर में शामिल न होते हुए भी तीसरे व्यक्ति द्वारा इसमें काम किया गया।
एसटीपी में जो काम किया गया और मेंटेनेंस हुई उसके बिलों में भी संदिग्धता पाई गई है।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट में काम करने वाली दोनों निजी कंपनियों को पूरे भारतवर्ष में ब्लैक लिस्ट करने की संस्तुति की गई। इन निजी कंपनियों द्वारा दी गई बैंक गारंटी को जप्त करने की भी संस्तुति की गई।
जल संस्थान और यूपीसीएल के अधिकारी कर्मचारियों के बीच सामंजस्य नहीं होने की बात भी सामने आई। इसके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की भी संस्तुति की गई है।