राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारी यूं तो वन्यजीवों के शिकार को लेकर हमेशा सवालों में रहते हैं। लेकिन इस बार मामला बाघिन के खोने का है, और वो भी ऐसी बाघिन जो 5 बाघों के ट्रांसलोकेशन प्रोजेक्ट से जुड़ी है। लिहाजा पूरा महकमा ही इन दिनों भाग दौड़ में जुटा है। खास खबर यह है कि राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी यह मामला उठा है और इस पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को जवाब देना पड़ा। उधर इस मामले में विवादित अधिकारी रहे कोमल सिंह से राजा जी के सभी चार्ज वापस लेने का भी राजाजी निदेशक की तरफ से आदेश किया गया है। आपको बता दें कि कोमल सिंह को गोविंद पशु विहार में स्थानांतरित किया गया था लेकिन इसके बावजूद भी राजाजी के तीन-तीन चार्ज अधिकारी के पास मौजूद थे, लिहाजा राजाजी में अब जिस तरह से बाघिन के लापता होने का पता चला है उसके बाद जिस तरह से निदेशक ने कोमल सिंह से सभी चार्ज वापस लिए हैं उसे इस मामले के साथ भी जोड़ा जा रहा है। वैसे आपको बता दें कि राजाजी नेशनल पार्क में वन्यजीवों के शिकार के कई मामले सामने आए हैं और इन मामलों में भी कोमल सिंह विवादों में रहे हैं। बड़ा सवाल तो यह उठ रहा है कि जब लंबे समय से बाघिन कैमरे में नहीं ट्रैक हो रही थी तो ऐसे में इतने समय तक उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी से क्यों महरूम रखा गया। बड़ी बात यह भी है कि इस मामले में अब तक कोई जांच के आदेश भी नहीं हुए हैं ना ही किसी की लापरवाही को लेकर अब तक उच्च अधिकारियों की तरफ से बात कही गई है।
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