उत्तराखंड में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की अहम जिम्मेदारी अब तक कई सीनियर IFS अफसरों के पास रही है। फिलहाल इस जिम्मेदारी को पराग मधुकर धकाते देख रहे हैं.. पराग मधुकर धकाते मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े होने के चलते पिछले कई सालों तक ताकतवर अफसर में गिने जाते रहे हैं.. लेकिन पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय से विशेष सचिव के तौर पर जिम्मेदारी वापस लिए जाने के बाद उनको लेकर कई तरह की चर्चाएं रही है.. हालांकि उनके पास पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव की जिम्मेदारी है और यह पद प्रदेश में बेहद अहम माना जाता है।
खास बात यह है कि विशेष सचिव पद से हटाने के बाद तमाम चर्चाओं के बीच अब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में भी स्थाई सदस्य सचिव की तैनाती किए जाने पर प्रक्रिया शुरू की जा रही है.. तो ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पराग मधुकर धकाते अपने बेहद कम कार्यकाल के बावजूद इस पद से हट जाएंगे..? सदस्य सचिव पद पर स्थाई तैनाती की प्रक्रिया शुरू होने से तो कुछ यही लगता है।
बहरहाल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड राज्य के लिए बेहद एवं संस्था है और यह राजस्व कलेक्शन से लेकर राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काफी अहम रोल निभाती है।
चर्चाएं इस बात को लेकर भी है कि आखिरकार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का अतिरिक्त चार्ज संभालने वाले पराग मधुकर धकाते को ही बनाए रखने के बजाय अचानक स्थाई तैनाती पर कैसे विचार किया गया.. इसके पीछे भी कई तरह की चर्चाएं चल रही है।। बहरहाल जो भी हो लेकिन यह तो साफ है कि ये स्थिति पराग मधुकर के अनुकूल तो बिल्कुल नहीं हैं..हालांकि आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो पाएगा कि ब्यूरोक्रेसी में होने वाले बदलाव किस नए समीकरण की ओर इशारा कर रहे हैं और बदलाव के पीछे असल वजह क्या है।