उत्तराखंड में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी यानी वीपीडीओ की परीक्षा में हुई धांधली मामले पर गिरफ्तारी ओं का सिलसिला तेज हो गया है, इस कड़ी में रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आरबीएस रावत की भी गिरफ्तारी की गई है, आपको जानकर हैरानी होगी कि इस परीक्षा में धांधली का मास्टरमाइंड यही रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी बताया गया है। जिसने वीपीडीओ परीक्षा धांधली में पूरी पटकथा लिखी थी। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस परीक्षा में धांधली के लिए पेपर छापने वाली कंपनी के साथ पहले इस अधिकारी ने सांठगांठ की और उसके बाद कई अभ्यर्थियों को यह पेपर बेचे। बड़ी बात यह है कि इसके जरिए करोड़ों रुपए के वारे न्यारे किए जाने की बात कही जा रही है जिसके बाद अब इस अधिकारी की संपत्ति की जांच की भी तैयारी हो रही है।
आपको बता दें कि डॉक्टर आरबीएस रावत उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया रहे हैं और इतने बड़े पद पर रहने के बावजूद रिटायर होने के बाद आयोग का अध्यक्ष बनते ही जिस तरह उन्होंने परीक्षा में धांधली करवाई उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आरबीएस रावत पर इस परीक्षा में धांधली को लेकर पहले भी आरोप लगे थे लेकिन तब की सरकार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया हैरानी की बात यह है कि अब हरीश रावत अपने मुख्यमंत्री रहते हुए अधिकारियों के चयन को लेकर माफी भी मांग रहे हैं जबकि इस मामले में यदि धामी सरकार और एसटीएफ गंभीरता ना दिखाती तो कभी भी इन बड़े चेहरों पर कार्यवाही नहीं हो पाती।
बताया जा रहा है अध्यक्ष रहते हुए आरबीएस रावत ने पहले इस पूरी धांधली की पटकथा लिखी उसके बाद सचिव और परीक्षा नियंत्रक को भी अपने साथ मिला लिया।
इससे बड़ी बात यह है कि रिटायर होने के बाद आरबीएस रावत राष्ट्रीय स्वयंसेवक से भी जुड़ गए और यह पर्यावरण से जुड़े कार्यों में काम करने लगे। लेकिन r.s.s. से भी इस मामले में उन्हें कोई संरक्षण नहीं मिला और आखिरकार उन्हें एसटीएफ की गिरफ्त में आना पड़ा हालांकि इस मामले में अब एसटीएफ कितनी मजबूती से विवेचना कर पाती है और कोर्ट में इस पर क्या होता है यह आने वाला वक्त बताएगा।
उत्तराखंड की राजनीति की हालत देखिए आयोग में अध्यक्ष रहते हुए जिस व्यक्ति पर आरोप लगे उसे तीरथ सिंह रावत सरकार में सलाहकार तक बना दिया गया, जाहिर है कि RBS Rawat की सरकारी मजबूत पकड़ थी और उन्हें इस तरह सलाखों के पीछे भेजना काफी मुश्किल था लेकिन इसके बावजूद जिस तरह जांच हुई और तमाम पहलू सामने आए उसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा।