उत्तराखंड की राजनीति में एक समय था जब हरीश रावत के सबसे वफादार नेताओं में किशोर उपाध्याय का नाम भी शुमार था, लेकिन कहते हैं ना कि राजनीति में संबंध कुछ ख़ास मायने नही रखते, कब हालात बदल जाएं कुछ भी नहीं कहा जा सकता। ऐसा ही हुआ है हरीश रावत और किशोर उपाध्याय की उन पुरानी गलबहियों वाली तस्वीरों के साथ… अब यह तस्वीरें दोस्ती की जगह खार खाये बैठे दो प्रतिद्वंदियों का एहसास कराती हैं। मामला इन दिनों हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के बीच चल रही टीका टिप्पणियों का है। अब तक शिकायत और उनका जवाब देने वाले बयान धमकी तक आ पहुंचे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार किशोर उपाध्याय ने हरीश रावत पर धमकी देने का आरोप लगाया है। दरअसल किशोर उपाध्याय ने हाल ही में अपने सोशल अकाउंट पर खुद को सहसपुर विधानसभा से लड़वाने और फिर साजिशन हरवाने का आरोप लगाया था। जिसका जवाब हरीश रावत ने भी कुछ सधे हुए शब्दों और बातों के साथ दिया था। अब किशोर उपाध्याय ने कहा है कि हरीश रावत ने जिस तरह उन्हें बातें लिखी है वह उन्हें धमकी देने वाली लगती है। जाहिर है कि राजनीति में हरीश रावत कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा है और किशोर उपाध्याय का इस तरह उनके सामने आना उन्हें पसंद भी ना आ रहा हो लिहाजा राजनीतिक रूप से किशोर उपाध्याय को धमकी देने का क्या अर्थ है यह भी सहज ही समझा जा सकता है। वह भी तब जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हो।
अपने करीबियों और चहेतों को क्यों दूर कर रहे हरीश रावत
उत्तराखंड में हरीश रावत की राजनीति यूं तो सभी से जुदा मानी जाती है, लेकिन जिस तरह हरीश रावत के करीबी उनसे एक-एक कर छिटक रहे हैं वह किसी के भी समझ में नहीं आ रहा है ऐसे कई उदाहरण हैं जहां हरीश रावत के राइट हैंड माने जाने वाले लोग उनसे दूरी बना रहे हैं इसकी क्या वजह हो सकती है यह तो हरीश रावत बेहतर बता सकते हैं लेकिन इतना तय है कि राजनीति में हरीश रावत के चहेतो और दोस्तों का उनसे दूर होना उनके लिए किसी भी लिहाज से ठीक नहीं कहा जा सकता।