अफसरों को दबाव में लेने के लिए झूठी शिकायतों का मामला पूर्व में आता रहा है..खासतौर पर सचिवालय के अधिकारी टारगेट में दिखाई दिए हैं.. सबसे बड़ी बात यह है कि इस तरह के मामले तमाम कार्यालयों में काम काज को भी प्रभावित करते हैं.. ताजा मामला सचिवालय में तैनात कर्मी की पत्नी का है.. जिसने वायरल पत्र को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया है..
दरअसल उत्तराखंड सचिवालय संघ अक्सर अधिकारियों के खिलाफ झूठे आरोपों को लेकर अपनी बात रखता रहा है..और झूठी शिकायतो के कारण कार्यक्षेत्र का माहौल भी खराब होता है..मौजूदा मामले में महिला ने खुद को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कैंट थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है..आरोप है कि एक वायरस पत्र के जरिए न केवल महिला के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है बल्कि एक अधिकारी को दबाव में लेकर बदनाम करने की भी कोशिश की गई है..
मुकदमा दर्ज होने के बाद इस पत्र की गहनता से पुलिस जांच करने जा रही है, साथ ही ऐसे लोगों पर भी कानूनी कार्रवाई की तैयारी है जो गलत तरीके से अधिकारियों को दबाव में लेने की कोशिश करते हैं। यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा है और खुद मुख्यमंत्री भी अफवाहों पर सख्त रुख दिखाते रहे हैं..लिहाजा मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस लिखे गए पत्र की जांच कर रही है और किसके स्तर पर बिना तथ्य संलग्न के ऐसी बातों को लिखा गया इसकी भी जांच हो रही है।
खास बात ये है कि अधिकारी भी बिना सुबूत के किसी पर भी आरोप लगाने की प्रवृति से खासे चिंतित दिख रहे हैं..और मामले के पुलिस जांच में झूठा निकलने पर कड़ी कार्रवाई की बात कहते रहे हैं। इस मामले में भी अब ऐसा पत्र देने वाले के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने जा रहा है।