उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन की दुखद खबर सामने आई है। सुशीला बलूनी 84 वर्ष की थी और पिछले काफी समय से बीमार चल रही थी। बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक आने के चलते उनका निधन हुआ है। जानकारी के अनुसार आज अपने नेशविला रोड स्थित घर में अचानक बेचैनी महसूस करने के बाद उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। बताया गया है कि फिलहाल उनकी डेड बॉडी को उनके आवास पर लाया गया है, जबकि कल हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान स्कूल के परिजनों के साथ तमाम राज्य आंदोलनकारी और दूसरे समाज के लोग भी उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे है।
सुशीलाबलूनी राज्य आंदोलन के बाद नए राज्य के निर्माण के साथ ही भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गई थी हालांकि उनके स्वभाव में राजनीति नहीं दिखाई दी और हमेशा विभाग और जनहित से जुड़े मामलों पर खुले रूप से वह बोलती हुई नजर आईं। सुशीला बलूनी उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने बलूनी के निधन को दुःख प्रकट करते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण में आंदोलन में सुशीला बलूनी के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।