उत्तराखंड वन विभाग में आई एफ एस अधिकारियों के बंपर तबादले किए गए और इन तबादलों में बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारियों में भारी बदलाव किया गया, लेकिन इन्हीं आदेशों में एक मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक के पुराने आदेश को निरस्त करने का आर्डर भी था.. यह आदेश इसलिए हैरानी भरा है क्योंकि पूर्व में मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक को इस पद से हटा दिया गया था, और उनकी जगह पी के पात्रों को मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल बनाया गया था लेकिन पिछले कई महीने से इस आदेश का पालन ही नहीं किया गया। यानी शासन के पूर्व में हुए आदेशों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक उसी पद पर बने रहे।
इसे वन विभाग में नियमों के साथ खेल कहें या कुछ और कि मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल के पद से जो आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक पिछले कई महीनों से डटे हुए थे उन्हें इसी पद पर रहने के लिए कई महीनों बाद उस आदेश को निरस्त करने के लिए एक नया आदेश हुआ। इससे साफ है कि वन विभाग में या तो निर्णय लेने से पहले विचार नहीं किया था या फिर आदेश होने के बाद अधिकारी उसे फॉलो नहीं करते। बहरहाल जो भी हो लेकिन सुशांत पटनायक को आखिरकार उसी कुर्सी पर बैठा दिया गया है जिससे वह हटे ही नहीं थे।