ऊर्जा निगम वैसे तो अधिकारियों की तनातनी और कार्यप्रणाली को लेकर सवालों के घेरे में ही रहता है लेकिन पिछले दो हफ्तों में ऐसा कुछ हुआ है जो ऊर्जा निगमों में काफी चौंकाने वाला रहा, बताया जा रहा है कि ऊर्जा निगमों में नियुक्ति समेत विभिन्न मामलों को लेकर कथित जांच शुरू होने के बाद समीकरण बदल गए हैं. इसके पीछे वजह शासन और सरकार में हुई शिकायत के साथ ही जांच में आए वह पहलू बताई जा रही है जिसके चलते अब शासन की निगाहें उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के मैनेजमेंट पर टेढ़ी हो गई है. जाहिर है कि यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल यादव है ऐसे में शासन का सख्त रुख उन पर ही है. चर्चाएं यहां तक है कि ऊर्जा निगम में तबादलों को लेकर भी कुछ शिकायतें हुई है और इसके बाद शासन का रुख बदला है.
वैसे आपको बता दें कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में तबादला पर शासन ने कुछ सख्त निर्णय लेते हुए इन्हें सीमित करने का फैसला ले लिया है बड़ी बात यह है कि निगम में आपसी द्वंद की शिकायतें लगातार शासन में पहुंच रही थी यही नहीं दूसरी कई गंभीर शिकायतें भी सरकार तक पहुंची है इसके बाद शासन ने यूपीसीएल में तबादलों को लेकर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं जिसके बाद अब प्रबंध निदेशक अनिल यादव की मुश्किलें कुछ बढ़ सकती हैं। उधर अब यूपीसीएल के तबादलों के लिए मैनेजमेंट को शासन की अनुमति लेनी होगी। सूत्र बताते हैं कि ऊर्जा निगम से जुड़ी सभी शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच रही है और यहां से दिए जा रहे हैं दिशानिर्देशों के हिसाब से अब यूपीसीएल मैनेजमेंट पर शिकंजा कसा जा रहा है।