शासन की एक पत्र के कारण उपनल कर्मचारी के वेतन पर संकट खड़ा हो गया है। राज्य भर के उपनल कर्मचारी शासन के इस पत्र से खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं। इस बीच देहरादून से आई एक खबर ने सभी को परेशान कर दिया है। दरअसल देहरादून तिलक रोड स्थित वन विभाग के कार्यालय में तैनात एक उपनल कर्मचारी ने जहर खा लिया है। कर्मचारी का नाम जयपाल सिंह बताया गया है जिसे फौरन दून अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। उधर दूसरी तरफ उपनल कर्मचारी के साथियों ने बताया कि जयपाल काफी दिनों से बाकी उपनल कर्मचारियों की तरह ही काफी परेशान था और इसीलिए उसने यह कदम उठाया है। कर्मचारियों ने कहा कि उपनल कर्मचारी को पिछले दो महीने से तनख्वाह नहीं मिल रही है और कई क्षेत्रों में तो वन विभाग के कर्मचारियों को इससे भी ज्यादा समय से वेतन नहीं दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की तरफ से लिखे गए एक पत्र के बाद ऐसे कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन पर संकट खड़ा हो गया है। इस मामले को लेकर उपनल कर्मचारी ने एक दिन पहले ही तमाम अधिकारियों के साथ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से बातचीत की थी। इसके बाद सुबोध उनियाल ने भी कड़े शब्दों में वन विभाग में वित्त देख रहे IFS अफसर जीएस पांडे को कर्मचारियों की समस्या का समाधान जल्द से जल्द और समयबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिए थे।
उत्तराखंड में नियुक्तियों के मामले में विभाग और शासन के अधिकारियों की भूमिका बेहद हैरान करने वाली रही है पहले कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है फिर उन्हें परिश्रम से वेतन का लाभ दिया जाता है और उसके बाद एक नए आदेश के जरिए कर्मचारियो को परेशानी में डाल दिया जाता है। वैसे तो तमाम विभागों में ऐसे कर्मचारियों को लेकर स्थिति हैरान करने वाली है लेकिन वन विभाग में तो ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए शासन से मंजूरी तक नहीं ली जा रही। जिसको लेकर न केवल एक जांच की जरूरत है बल्कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी अपेक्षित है।