विधानसभा में भर्तियों की जांच को प्रभावित करने की तो नहीं हो रही कोशिश, कांग्रेस के जांच कमिटी पर सवाल कटघरे में

विधानसभा में हुई भाई भतीजावाद के तहत भर्ती पर तीन सदस्य कमेटी गठित की जा चुकी है, विधानसभा अध्यक्ष ने 3 सेवानिवृत्त अनुभवी अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी दी है। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों की कमेटी बनने के बाद अब भर्तियों में गड़बड़ी पूरी तरह से सामने आ सकेगी, यही नहीं राजनीतिक रसूख के चलते विधानसभा में नौकरी पाने वालों को भी बाहर का रास्ता देखना होगा. लेकिन अचानक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने इस कमेटी पर सवाल उठाने तेज कर दिए. वैसे तो ये विरोध विपक्षी दल के धर्म के रूप में ही देखा जाना चाहिए लेकिन कहा जा रहा है कि कांग्रेस के इस विरोध को विधानसभा में नौकरी पाने वालों का भी पर्दे के पीछे समर्थन मिल रहा है। जाहिर है कि इस पर शक उठना लाजमी है कि कहीं इस कमेटी की जांच से बचने के लिए तो इस तरह के सवाल नहीं उठाए जा रहे।

राजनीतिक रूप से पर्दे के पीछे कई तरह के खेल चलते हैं और अब विधानसभा में हुई भर्तियों और अपने करीबियों पर मेहरबानी के रूप में भी नए खेल के चलने की बात कही जा रही है। हालांकि यह भी सच है कि विधानसभा में भर्तियों पर जांच के लिए सरकार पर दबाव बनाने में कांग्रेस की अहम भूमिका रही है लेकिन राजनीति में राजनेताओं की मनसा बदलते देर नहीं लगती लिहाजा देखना होगा कि यह 3 सदस्य कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट में क्या देती है और क्या वाकई कांग्रेस के यह सवाल वाजिब है हालांकि जानकार कहते हैं कि जब विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से 3 सदस्य कमेटी गठित कर दी गई है तो विरोधी दल को भी इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था और इसके बाद यदि रिपोर्ट में कहीं संदेह होता उसके बाद इस पर आवाज उठाई जा सकती थी।

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