आज दिनांक 21-10-2021 को उत्तराखण्ड परिवहन निगम निदेशक मण्डल की 32 वीं बैठक श्री आनंद बर्द्धन, अध्यक्ष उत्तराखण्ड परिवहन निगम बोर्ड की अध्यक्षता में निगम मुख्यालय, देहरादून में सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव, परिवहन विभाग, उत्तराखण्ड शासन के अतिरिक्त अन्य निदेशक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम बोर्ड उपस्थित हुये। निदेशक मण्डल द्वारा बैठक में निम्नवत निर्णय लिये गये:
1 निदेशक मण्डल को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के सम्बंध में अवगत कराते हुये बोर्ड को यह भी अवगत कराया गया कि निगम द्वारा अपने कार्मिकों को माह सितम्बर, 2022 तक का वेतन एवं माह अगस्त, 2022 तक सेवा निवृत्त हुये कार्मिकों को ग्रेच्यूटी एवं नकदीकरण की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है तथा माह सितम्बर, 2022 तक निगम को 16.90 करोड का लाभ हुआ है।
2 यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत रामनगर / काठगोदाम / ऋषिकेश में आधुनिकीकरण बस स्टेशन निर्माण हेतु प्रस्तुतिकरण किया गया। जिस पर विचारोपरांत बोर्ड द्वारा पी०पी०पी० मोड / राज्य सरकार की सहायता से बस स्टेशन का निर्माण कराये जाने की सहमति प्रदान की गयी।
3 निगम को अपने डीजल पम्पों के साथ ही आई०ओ०सी० के माध्यम से रिटेल पम्प लगाये जाने की सहमति प्रदान की गयी।
4-उत्तराखंड परिवहन निगम के कार्मिकों के लिये मंहगाई भत्ते में 03 प्रतिशत की वृद्धि कर मंहगाई भत्ता 34 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया।
5 उत्तराखण्ड परिवहन निगम की वित्तीय वर्ष 2021-22 के वार्षिक तुलन पत्र (बैलेन्स शीट) का अनुमोदन करते हुये सम्परीक्षा हेतु महालेखाकार, उत्तराखण्ड देहरादून को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये।
6 निगम के कार्मिकों को अनुग्रह धनराशि का भुगतान किये जाने के सम्बंध में शासनादेश के अनुसार उत्तराखण्ड परिवहन निगम के नियमित, संविदा, वाह्यस्रोत एवं विशेष श्रेणी के रूप में कार्यरत कार्मिकों को अनुग्रह धनराशि का भुगतान किये जाने का निर्णय लिया गया।
7 उत्तराखण्ड परिवहन निगम में सेवा के दौरान मृतक कार्मिकों के आश्रितों के सम्बंध में चर्चा उपरांत प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया।
8 मा० उच्च न्यायालयों में निगम के लम्बित एम०ए०सी०टी० सम्बंधी वादों में नियमानुसार Out of Court Settlement के प्रस्ताव पर सहमति दी गयी।
9 यात्रियों की सुविधा एवं पर्वतीय मार्गो पर निगम की बसों की कमी के दृष्टिगत पर्वतीय मार्गो पर अनुबंधित बसों का संचालन कर बसों की पूर्ति करने का निर्णय लिया गया।