उत्तराखंड में इस बार कांग्रेस पार्टी को धोखा देना पार्टी के ही प्रत्याशियों के लिए इतना आसान नहीं होगा। दरअसल तमाम संभावनाओं को देखते हुए पार्टी ने पहले ही कुछ ऐसे इंतजाम कर दिए हैं कि पार्टी के नेता अब जीतने के बाद पार्टी छोड़ने की स्थिति में नहीं होंगे। यही नहीं कांग्रेस के प्रत्याशियों का भाजपा से संपर्क भी नहीं हो पाएगा। दरअसल कांग्रेस की तरफ से इस बार प्रत्याशियों के साथ पर्यवेक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है यह पर्यवेक्षक पूरी मतगणना के दौरान प्रत्याशी के साथ रहेंगे न केवल मतगणना के दौरान होने वाली दिक्कतों को भी इनकी तरफ से दूर करने की कोशिश की जाएगी बल्कि चुनाव जीतने के फौरन बाद इन प्रत्याशियों को देहरादून लाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर्यवेक्षकों पर होगी।
बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से कांग्रेस अपने जीतने वाले प्रत्याशियों को दूर रखना चाहती है और इसीलिए उन्होंने इस पर एक्शन प्लान तैयार करते हुए पर्यवेक्षकों को हर सीट पर प्रत्याशी के साथ रखने का प्लान तैयार किया है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि देहरादून में इन सभी प्रत्याशियों को जीतने के बाद लाया जाएगा और उसके बाद बहुमत साबित ना होने तक किसी अज्ञात जगह पर भी भेजा जाएगा।