उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी 57 सीटों पर जीत हासिल कर राज्य स्थापना के बाद पहली बार इतने बड़े बहुमत को पाने में तो कामयाब रही लेकिन मोदी लहर के सहारे भाजपा का यह सफर 2022 में भी जारी रहेगा यह कहना मुश्किल होगा। ताजा खबर यह है कि भाजपा प्रदेश में कई विधानसभा स्तर के बड़े चेहरों को चिन्हित कर चुकी है और ऐसे लोगों को भाजपा में लाने के भी प्रयास हो रहे हैं, इसका उदाहरण पिछले दिनों निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह और कांग्रेस के पुरोल से विधायक रहे राजकुमार के रूप में समझा जा सकता है, बात विधायक तक की ही नहीं है बल्कि कई पूर्व विधायक और बड़े चेहरों पर भी पार्टी दांव खेलने की कोशिश में है। लेकिन खबर यह है कि भाजपा का यह परिवार उनके अपने पुराने वफादार कार्यकर्ताओं और नेताओं की नाराजगी की वजह बन रहा है।
एक खबर यह भी है कि निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा पर भी भाजपा हाथ रख सकती है, हालांकि भाजपा के नेताओं का इस मामले में भी विधानसभा स्तर पर विरोध अंदर खाने देखा जा सकता है। इससे पहले निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह को पार्टी में शामिल करने के चक्कर में धनोल्टी विधानसभा के कई नेताओं को भी पार्टी नाराज कर चुकी है, यही हाल पुरोला विधानसभा का भी है जहां कई पार्टी नेता पार्टी के इस फैसले से नाराज हैं। 2016 में भारतीय जनता पार्टी ने कुछ ऐसे ही प्रयोग किए थे और कई बड़े चेहरों को भाजपा में शामिल किया था हालांकि वह प्रयास बेहद ज्यादा सफल हुआ और भाजपा कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया लेकिन तब और अब में काफी अंतर है और मोदी लहर 2022 में कितना काम करेगी इस पर निर्भर करता है कि भाजपा जो फैसला ले रही है वह कितना कारगर साबित होगा।
वैसे आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी तमाम सर्वे और चिंतन के बाद ही ऐसे फैसले लेती है लेकिन अपनों की नाराजगी का भी आकलन पार्टी को कर लेना होगा ताकि आगामी 2022 के चुनाव के लिए एक सही फैसला हो सके।