पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल आज उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गए। दुर्गेश्वर लाल का यह धरना इसलिए भी चर्चाओं में है क्योंकि उन्होंने अपनी ही सरकार को इस धरने के जरिए कटघरे में खड़ा कर दिया। हालांकि दुर्गेश्वर लाल सुबोध उनियाल के व्यवहार को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन इस मामले की शुरुआत बड़कोट डीएफओ और तेजतर्रार आईएफएस अधिकारी अभिलाषा सिंह को हटाने से हुई है। दुर्गेश्वर लाल चाहते हैं कि डीएफओ अभिलाषा सिंह क्षेत्र से हटाकर किसी दूसरे अधिकारी को यहां भेजा जाए… लेकिन सवाल यह है कि आखिरकार ऐसा वन विभाग क्यों करें.. क्योंकि अभिलाषा सिंह ना केवल तेजतर्रार आईएफएस अधिकारी हैं बल्कि इस क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले पर भी नकेल कसे हुए हैं।
अब सवाल उठ रहा है कि एक ऐसा क्षेत्र जहां अवैध रूप से पेड़ काटे जाने के मामले पहले आते रहे हैं वहां पर तेज तर्रार IFS अधिकारी को हटाने की कोशिश क्यों हो रही है और विधायक खुद ये मांग क्यों कर रहे हैं। बताया गया कि IFS अधिकारी अभिलाषा सिंह ने अवैध कामों पर कुछ हद तक रोक लगा दी है यहीं नहीं वह राजनीतिक दबाव में भी काम नहीं कर रही है। प्रदेश की ऐसी महिला अफसर के खिलाफ विरोध क्यों हो रहा है यह भी एक सवाल है। हालांकि विधायक की तरफ से कुछ आरोप भी लगाए जा रहे हैं और इन आरोपों की जांच की बात भी विभागीय मंत्री ने कह दी है इसके बाद भी MLA ने धरना देकर अपनी सरकार के मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दुर्गेश्वेर लाल की माने तो उनके साथ गलत व्यवहार किया गया है..