बस साल में 1 दिन ही खुलते हैं इस मंदिर के कपाट-क्या उत्तराखंड के इस रहस्यमयी मंदिर के बारे में जानते हैं आप

यूं तो देवभूमि में ऐतिहासिक मंदिरों की कोई कमी नही… लेकिन चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में शायद यह एक ऐसा इकलौता मंदिर है जो साल में बस 1 दिन ही खुलता है। करीब 10000 फीट की ऊंचाई पर स्थित बंसी नारायण मंदिर रक्षाबंधन के दिन सूर्योदय के साथ युवतियों और महिलाओं के लिए खुल जाता है.. मंदिर में युवतियां भगवान बंसी नारायण को राखी बांधने आती है.. जानकारी के अनुसार करीब 10 फुट ऊंचे इस मंदिर में भगवान की चतुर्भुज मूर्ति विद्यमान है।  मान्यता है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि का अभिमान चूर चूर किया था.. जिसके बाद बलि को पाताल लोक जाना पड़ा.. इस दौरान राजा बलि ने भगवान विष्णु के सामने प्रार्थना कर उनसे खुद की सुरक्षा का आग्रह किया तो स्वयं श्री हरि विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के द्वारपाल बन गए। इसके बाद माता लक्ष्मी भगवान विष्णु यानी अपने पति को छुड़ाने के लिए पाताल लोक गई।… जहां जाकर मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांध कर पति को मुक्त करवाया।  कहा जाता है कि इसके बाद भगवान हरि इसी मंदिर के स्थल पर प्रकट हुए थे… जिसके बाद से ही यह कहा जाता है कि भगवान हरि को राखी बांधने से स्वयं भगवान उनकी रक्षा करते हैं और इसी मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन के दिन युवतियां यहां आकर भगवान बंसी नारायण को राखी बांधती है।  हालांकि इस मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं है और करीब 12 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के बाद ही इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इस दौरान रास्ते में मनोहर दृश्य भी दिखाई देते हैं।।

LEAVE A REPLY