उत्तराखंड में 65000 शिक्षकों की चिंता इस बात को लेकर बढ़ गई है कि प्रदेश में शिक्षा निदेशालय की तरफ से अयोग्य और लापरवाही करने वाले कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने पर सक्रियता बढ़ाई गई है। दरअसल सरकार ने सभी विभागों में 50 साल से अधिक अक्षम, अयोग्य या लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के निर्देश दिए हैं, इस दिशा में विभिन्न विभागों ने भी निदेशालय स्तर पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। गौरतलब है कि अपर मुख्य सचिव की तरफ से विभागीय अधिकारियों को इसके मद्देनजर कई पत्र लिखे जा चुके हैं। यही कारण है कि आप विभाग भी ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने में जुट गए हैं।
यही स्थिति शिक्षा विभाग में भी बनी हुई है और यहां भी शिक्षा निदेशालय स्तर से अयोग्य शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों जो कि 50 साल से अधिक हो को चिन्हित किया जाना है। खबर है कि इसके लिए यदि साले स्तर से भी ऐसे शिक्षकों की सूची बनाने के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। बस यही आदेश अब शिक्षकों के लिए चिंता का सबब बन गया है और 50 साल से अधिक वाले शिक्षकों की धड़कन इससे तेज हो गई है। हालांकि इस मामले में शिक्षक संगठन भी सरकार पर हल्ला बोल की स्थिति में है और किसी भी हालत में शिक्षकों के अधिकारों के हनन के आरोप लगाकर इस मामले में कार्यवाही करने नहीं देने की कोशिश की जा रही है।