अनलॉक-5 के तहत देशभर में स्कूलों को खोलने की छूट तो दे दी गई है लेकिन इसमें कई शर्तें भी जोड़ी गई हैं। उत्तराखंड में भी स्कूलों को खोलने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम चल रहा है.. और जिलाधिकारी को अभिभावकों और प्राइवेट विद्यालयों के संचालकों से राय मशवरा लेने के लिए आदेश कर दिए गए हैं। 1 सप्ताह में जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट शासन में देनी है लिहाजा यह तो तय है कि सरकार स्कूल खोलने की ही तैयारी कर रही है। और शिक्षा विभाग की कोशिश है कि स्कूलों को अब खोल दिया जाए। लेकिन इस बीच स्कूल खुलने की खबर से चिंतित अभिभावकों के लिए राहत की खबर यह है कि यदि वह नहीं चाहते कि उनका बच्चा स्कूल जाए और कोरोना का खतरा उस पर पड़े तो यह जरूरी नहीं होगा कि छात्र स्कूल में जाकर हाजिरी लगाएं। यानी स्कूल खुलने के बावजूद भी बच्चों का स्कूल जाने को लेकर निर्णय अभिभावकों के पास ही सुरक्षित रहेगा। उधर स्कूल प्रबंधन यह बाध्यता नहीं कर सकता कि बच्चे को स्कूल आना ही होगा। यदि अभिभावक ऑनलाइन क्लास से ही अपने बच्चे को पढ़ाना चाहते हैं तो ऑनलाइन क्लास स्कूलों को जारी रखनी होगी। ताकि जो अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं उनके बच्चे घरों में ही ऑनलाइन क्लास ले सकें। वैसे तो अनलॉक 5 में भी इस बात को लेकर जिक्र किया गया है लेकिन उत्तराखंड सरकार भी इसी के पक्ष में है कि यदि वह स्कूल खोल रहे हैं तो भी अभिभावकों की मर्जी से ही छात्रों को स्कूल आना होगा और इसमें स्कूलों में हाजरी की बाध्यता नहीं होगी।