लव जिहाद पर सख्त कानून बनाने जा रही धामी सरकार, दृष्टि पत्र के 25 वायदों पर भी तेजी से होगा काम

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद धामी सरकार ने उन कामों पर पूरी तरह फोकस कर लिया है, जिन्हें जनता के सामने दृष्टि पत्र के रूप में पूरा करने का वायदा किया गया था। हालांकि इसके लिए पहले ही प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु को जिम्मेदारी दे दी गई थी.. और इन पर काम भी शुरू कर दिया गया था लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इन कार्यों में तेजी नहीं लाई जा पा रही थी.. ऐसे में अब सरकार चुनाव के दौरान भाजपा के दृष्टि पत्र 25: संकल्प, 2022 को धरातल पर उतारने के लिए जुट गई है। इसी कड़ी में सीएम धामी के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आर के सुधाशु ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेते हुए जरूरी दिशा निर्देश दिए।

आर० के० सुधांशु द्वारा दृष्टि पत्र के संकल्पों की बिन्दुवार समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान सुधांशु द्वारा विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये कि दृष्टि पत्र के प्रत्येक बिन्दु पर सकारात्मक दृष्टिकोण एवं सोच के साथ कार्यवाही की जाय एवं दृष्टि पत्र के क्रियान्वयन का लाभ आम जनता तक पहुंच सके।

समीक्षा बैठक में दृष्टि पत्र 25: संकल्प, 2022 के कुल 25 संकल्प बिन्दुओं के सापेक्ष सम्बन्धित विभागों द्वारा कुल 31 योजनाओं पर कार्यवाही या तो पूर्ण हो चुकी है या गतिमान है। अन्य 17 योजनाओं को किस प्रकार से धरातल पर उतारा जाना है के सम्बन्ध में प्रस्ताव तैयार कर एक सप्ताह के अन्दर अद्यतन स्थिति की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश सम्बन्धित विभागों को दिये गये। पूर्ण योजनाओं में मुख्यतः देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम और संग्रहालय का समयबद्ध निर्माण, कुमाऊँ मण्डल में एम्स का एक सैटेलाइट केंद्र स्थापित किया जाना, हर घर नल से जल योजना के अंतर्गत सभी घरों के लिए नल के पानी से कनेक्टिविटी किया जाना शामिल है।

*बैठक में दिखी लव जेहाद पर सख्त कानून बनाने की प्रतिबद्धता

राज्य में लव जिहाद जैसे कृत्यों  के लिए कोई जगह नहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस संदर्भ में स्थिति को स्पष्ट करते रहे हैं और कानून व्यवस्था पर किसी भी तरह का टॉलरेट नहीं करने के भी संकेत देते रहे हैं। इसी कड़ी में लव जिहाद के काननू में संशोधन कर उसे कठोर बनाना एवं दोषियों के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास का प्राविधान करने एवं इसके अंतर्गत दर्ज समस्त मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से त्वरित निस्तारित किये जाने के भी निर्देश बैठक में दिए गए।