मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में चीड़ पिरुल कलेक्शन का काम वन विभाग तेजी से आगे बढ़ा रहा है। विभाग ने इसे मिशन मोड में चलाकर Forest Fire सत्र में अभी तक अनुमानित 2800 क्विंटल कलेक्शन किया है। खास बात यह है कि चीड़ पिरुल के माध्यम से राज्य सरकार जहां एक तरफ वनाग्नि की घटनाओं में कमी लाने का प्रयास कर रही है साथ ही स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने के भी इसके जरिए प्रयास हुए हैं। अच्छी बात यह है कि चीड़ पीरुल खरीद में दामों को भी बढ़ाया गया है, जिसके बाद पहले की तुलना में चीड़ पिरुल के कई गुना दाम लोगों को मिल पा रहे हैं। चीड़ पिरुल से कई स्थानीय उत्पादन भी बनाए जा रहे हैं साथ ही बिजली सयंत्र में भी कच्चे माल के रूप में इसका उपयोग किया जा रहा है।
वन विभाग ने फॉरेस्ट फायर को लेकर गंभीरता दिखाते हुए कर्मचारियों के हित में जीवन बीमा को सुनिश्चित करने का भी काम किया है। मुख्यमंत्री और वन मंत्री के निर्देशों के क्रम में सभी Fire Watchers का जीवन बीमा करा दिया गया है. इसके अलावा Wwf India से भी सभी field कार्मिकों के लिए अनुग्रह धनराशि cover प्रदान किया गया है।