उच्च शिक्षा में अब तक कई मामलों को लेकर भ्रष्टाचार और विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारियों के फर्जी दस्तावेजों के मामले चर्चाओं में रहे हैं.. इसी कड़ी में समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट शांति प्रसाद भट्ट के द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका ने भी एक बड़े मामले का खुलासा किया है.. हालांकि अभी दून विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव के फर्जी दस्तावेजों का मामला कोर्ट में लंबित है.. आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने कार्यवाहक कुलसचिव एमएस मन्द्रवाल के फर्जी प्रमाणपत्र पर पहले ही विश्वविद्यालय प्रशासन और यूजीसी को नोटिस जारी किया हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट शांति प्रसाद भट्ट के मुताबिक हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान रजिस्ट्रार को कार्यभार छोड़ने को कहा है..यही नही कुलसचिव की शक्तियां सीज करते हुए इस पद पर मंद्रवाल की नियुक्ति को गलत माना है। साथ ही विश्वविद्यालय से इस मामले में तत्काल जवाब भी मांगा है जिसके बाद आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि वह अपना जवाब भी दाखिल करेंगे और उसके बाद कुलसचिव मंद्रवाल की पूरी नौकरी के ही गलत तरीके से लिए जाने के मामले पर बड़ी कार्रवाई तय है।
खास बात यह है कि शांति प्रसाद भट्ट ने अब इस मामले पर हाईकोर्ट की बड़ी कार्यवाही के बाद उच्च शिक्षा में दूसरे कई मामलों को लेकर भी खुलासा करने का दावा किया है।