गंगोत्री के पुजारियों की मुख्यमंत्री को दो टूक, देवस्थानम बोर्ड खत्म करें तब चुनाव की सोचें

उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को लेकर पंडा समाज की नाराजगी बढ़ती जा रही है, इस दिशा में जहां एक तरफ तमाम पंडा और पुजारी समुदाय बोर्ड के विरोध में लामबंद है तो वही गंगोत्री धाम के पुजारी भी पिछले 3 दिनों से काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। आपको बता दें कि उत्तरकाशी गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पिछले साल 2020 में सरकार द्वारा गंगोत्री सहित चारों धामों में देवस्थानम बोर्ड को लागू करने का लगातार विरोध कर रहे हैं। साल 2020 में गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने 46 दिन जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट परिसर में और 86 दिन मां गंगा के धाम गंगोत्री परिसर में लगातार धरना किया था। इस साल भी गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित गंगोत्री मंदिर परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं । गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों की माने तो उनके पूर्वज गंगोत्री धाम में आदि अनादि काल मंदिर का रखरखाव पूजा पद्धति संस्कृति का संरक्षण कर रहे। गंगोत्री धाम में मुखबा गांव के सेमवाल जाति के पुरोहित मां गंगा की परिसंपत्तियों और पूजा पद्धति का रखरखाव करते हैं। भाजपा सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को गंगोत्री धाम सहित 51 मंदिरों में लागू किया गया है। लेकिन गंगोत्री धाम के पुरोहित इसको अपने हक हकूकों पर पर कुठाराघात बता रहे हैं। जिसके लिए धाम के पुरोहित पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर सरकार से देवस्थान बोर्ड को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं । अब गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री विधानसभा की सीट पर उपचुनाव को लेकर सरकार को चेतावनी दी है अगर सरकार के मुख्यमंत्री गंगोत्री विधानसभा से लड़ रहे हैं तो उनको देवस्थानम बोर्ड को स्थगित कर पंडा समाज से बात करनी चाहिए नहीं तो मुख्यमंत्री का गंगोत्री विधानसभा से उपचुनाव लड़ने का सपना साकार नहीं होगा जिसकी जिम्मेदारी पूरी सरकार की होगी।।

अगर सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत स्वर्गीय गोपाल सिंह रावत के निधन पर खाली हुई सीट गंगोत्री विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं तो उनके सामने गंगोत्री विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए दोहरी चुनौती खड़ी है, एक तरफ जहां देवस्थानम बोर्ड को लेकर पंडा समाज सरकार का पुरजोर विरोध कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी विजयपाल सजवाण ने गंगोत्री विधानसभा उपचुनाव में पूरी ताकत से लड़ने की ताल ठोक दी है। ऐसे में सरकार और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए गंगोत्री विधानसभा से चुनाव लड़कर जीत हासिल करना आसान नहीं होगा।

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