उत्तराखंड में गेस्ट टीचर्स की नौकरी अब खतरे में आ गई है.. दरअसल एलटी से प्रवक्ता पद पर प्रमोशन के बाद इन शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर काफी विवाद बना हुआ था…और शिक्षक संगठन प्रमोशन पाए शिक्षकों की काउंसलिंग में स्थायी रूप से न भरे गए सभी स्कूलों को रखे जाने की मांग कर रहे थे..जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारी जिन स्कूलों में गेस्ट टीचर अस्थायी नियुक्ति हैं उन स्कूलों को काउंसलिंग में न रखने के पक्ष में थे.. इसके बाद शिक्षक संगठनों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के इस रुख के खिलाफ कोर्ट में जाने की तक चेतावनी दी थी.. ऐसे में शिक्षा विभाग ने संगठनों की बात मानते हुए अब काउंसलिंग में सभी स्कूलों को रखने की बात मान ली है..और आदेश भी कर दिए हैं…लेकिन इससे उन गेस्ट टीचर्स की नौकरी पर खतरा आ गया है..जो रिक्त पदों के सापेक्ष अस्थाई रूप से स्कूलों में तैनात हैं..आदेश के अनुसार यदि अब प्रमोशन पाएं शिक्षक गेस्ट टीचर की जगह ही उनकी तैनाती वाले स्कूल में जाने की इच्छा जताते हैं, तो ऐसे में गेस्ट टीचर को यहां से हटाया जाएगा और खाली पड़े स्कूलों में जाने का विकल्प दिया जाएगा । लेकिन मात्र 15000 की नौकरी करने वाले गेस्ट टीचर कैसे दुर्गम या अति दुर्गम स्कूलों में अपनी गुजर-बसर कर पाएंगे, ऐसे में माना जा रहा है कि कई स्कूल एक बार फिर खाली हो सकते हैं और गेस्ट टीचर ऐसी स्थिति में अपनी नौकरी मजबूरी में छोड़ सकते हैं।
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