लेक्चरर पर प्रमोशन के बाद अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर आई मुश्किल को शिक्षा मंत्री और शासन स्तर पर यह कहकर नकार दिया गया कि काउंसलिंग के जरिए लेक्चरर को उन्हीं स्कूलों में भेजा जाएगा जहां खाली पद मौजूद होंगे.. लेकिन शिक्षक संगठन के दबाव के आगे आखिरकार शिक्षा मंत्री और शासन को झुकना पड़ा.. स्थिति यह है कि सीमित तनख्वाह पाने वाले अतिथि शिक्षकों को अब अपने स्कूल छोड़ने होंगे। दरअसल लेक्चरर की काउंसलिंग के बाद उनकी प्राथमिकता के आधार पर उन्हें स्कूल किए जा रहे हैं। इससे वह सभी गेस्ट टीचर प्रभावित होगी जहां लेक्चरर की नियुक्ति होगी। आपको बता दें कि जिन रिक्त पदों पर गेस्ट टीचर्स को रखा गया था यदि यहां पर लेक्चर अस्थाई पद के आधार पर नियुक्ति पा लेते हैं तो गेस्ट टीचर को यहां से हटा दिया जाएगा। फरवरी में ही अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दी गई थी ऐसे में इस तरह लेक्चरर पर प्रमोशन पाएं शिक्षकों को स्कूलों में तैनाती मिलने से इनकी नौकरी चली जाएगी।
लेक्चरर को काउंसलिंग के आधार पर नियुक्ति दी जा रही है ऐसे में प्रमोशन पाएं शिक्षकों की कोशिश सुगम स्कूलों में तैनाती की होगी। यदि यहां पहले से ही गेस्ट टीचर रिक्त पद पर होंगे तो इसे यहां से हटा दिया जाएगा। गेस्ट टीचर्स की भर्ती रिक्त पदों के आधार पर विभिन्न स्कूलों में की गई थी ऐसे में एक बार फिर यदि लेक्चरर उसी पद पर तैनाती पाएंगे तो फिर फिर से शिक्षा विभाग में कई पद रिक्त हो जाएंगे। सवाल यह है कि जिस दुर्गम में मोटी तनख्वाह वाले लेक्चरर नहीं जाना चाहते वहां पर मात्र कुछ हजार पाने वाला गेस्ट टीचर क्यों जाएगा।
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