सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी की रिपोर्ट पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की परेशानियां बढ़ा सकती हैं, कॉर्बेट टाइगर सफारी जिसको लेकर पिछले दिनों काफी चर्चा में रही और इस मामले में दो आईएफएस अधिकारी सस्पेंड हुए साथ ही एक आईएफएस अधिकारी को मुख्यालय में अटैच किया गया, ऐसे मामले में अब हरक सिंह रावत को भी सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में जिम्मेदार बता दिया है। खास बात यह है कि रिपोर्ट में कमेटी ने सरकार से भी 6 महीने के भीतर इस मामले में की गई कार्यवाही पर जवाब मांगे जाने की संस्तुति की है, साथ ही हरक सिंह रावत को भी नोटिस देकर जवाब मांगने और इसके बाद कार्यवाही करने की भी सिफारिश की गई है।
आपको बता दें कि इस मामले में तत्कालीन डीएफओ किशनचंद पर मुकदमा किया जा चुका है इसके अलावा एक और अधिकारी की गिरफ्तारी भी की गई है यही नहीं तत्कालीन चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जे सुहाग को भी सस्पेंड किया गया था उधर कॉर्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर रहे राहुल पर सरकार जरूर मेहरबान रही और केवल इस मामले में उन पर मुख्यालय में अटैचमेंट तक की ही सीमित कार्यवाही दिखाई दी।
हालांकि सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की है यही नहीं इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि किस तरह से नियमों के खिलाफ अवैध पेड़ों के कटान किया गया साथी अवैध रूप से निर्माण भी करवाए गए जबकि कॉर्बेट क्षेत्र में सफारी बनाया जाना नियम अनुसार गलत है और यहां केवल रेस्क्यू सेंटर सीमित क्षेत्र में ही बनाया जा सकता है।