मौत के आंकड़ों पर आंखों में पर्दा डाल रहा स्वास्थ्य विभाग, खुद की लापरवाही पर दूसरे की गर्दन नापने की कोशिश

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीज़ों की मौत पर नए आंकड़े ने सभी को हैरत में डाल दिया है। शनिवार को मरने वालों का कुल आंकड़ा 95 अंक ज्यादा दर्ज हुआ तो सभी की आंखे फटी की फटी रह गई.. हैरानी तब ज्यादा बढ़ गई जब हेल्थ बुलेटिन में शनिवार को महज छह लोगों की मौत बताई गई। ऐसे भी सवाल उठा कि जब शुक्रवार को 829 लोगों की मौत हुई थी तो शनिवार को 924 के आंकड़े के साथ 6 लोगों की मौत कैसे बताई जा रही है। इसके बाद जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ पता चला कि चिकित्सालयों की तरफ से पिछले लंबे समय से स्वास्थ्य विभाग को पूरे रिकॉर्ड नहीं दिए जा रहे थे। हेल्थ बुलेटिन में ही इस बात का जिक्र किया गया था। लेकिन इसके बावजूद यह बात बिल्कुल भी पचने वाली रही है की हफ्तों और महीनों से अस्पताल मरने वालों का आंकड़ा नहीं बता रहे थे और स्वास्थ्य विभाग को इसकी कोई जानकारी भी नहीं लग पा रही थी। वैसे भी हमने इससे जुड़े तमाम लोगों से बात की। सीएमओ देहरादून ने बताया कि वह निजी अस्पतालों को डाटा सार्वजनिक न करने के लिए नोटिस जारी कर रहे हैं। उधर निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि ने कहा कि उनकी तरफ से मरने वालों का हर आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग को दिया जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की आपसी तालमेल की कमी ने इस आंकड़े में इतना अंतर पैदा कर दिया है।

आपको बता दें कि कोविड-19 के मरीज की मौत होने के बाद अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग कोई जानकारी देनी होती है तभी तमाम औपचारिकताओं को पूरा कर शव का अंतिम संस्कार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम की तरफ से किया जाता है। ऐसे भी यह कैसे मुमकिन हो सकता है कि प्रदेश में मरीजों की हो रही मौत की जानकारी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पास ना हो। साफ है कि स्वास्थ्य विभाग अपनी गर्दन बचाने के लिए निजी चिकित्सालय को दोष आरोपित करने की कोशिश कर रहा है। इससे भी बड़ी बात यह है कि आंकड़े भी इतनी बड़ी हेरफेर होने के इतने लंबे समय बाद कैसे स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी। क्यों नहीं सीएमओ कार्यालय ने मेनुवली अस्पतालों से समय-समय पर यह जानकारी ली। यानी गलती सीएमओ कार्यालय की ही है… गलती इस बात की भी है कि कंट्रोल रूम तक पहले के आंकड़ों को सीएमओ कार्यालय की तरफ से क्यों नही दिया गया।

इस मामले के सामने आने के बाद सीएमओ कार्यालय और कंट्रोल रूम के बीच तालमेल की कमी भी साफ उजागर हो रही है। गलती यह भी है कि यदि निजी चिकित्सालयों की तरफ से पूरी डिटेल नहीं दी जा रही थी तो शनिवार को ऐसा क्या हुआ कि पूरे मामले का खुलासा हो गया। जो काम शनिवार को हुआ उसे पहले भी किया जा सकता था ताकि मौतों के आंकड़ों में किसी गलती की गुंजाइश ना रहे।

 

 

उत्तराखंड में आज कोरोना के 6 मरीज़ों की हुई मौत-जानिए कोरोना की अपडेट

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